यह संस्थान सरकारी पर अधिकारी सब कार्यकारी, उधारी के भवन में चल रहे केंद्रीय विश्वविद्यालय की दशा जानिए
Central University वर्ष 2009 से राजनीतिक दलों के बयानों के आधार बन रहा और अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। एक दशक से ज्यादा समय के बाद भी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अपना भवन नसीब नहीं हो पाया है।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Central University of Himachal Pradesh, वर्ष 2009 से राजनीतिक दलों के बयानों के आधार बन रहा और अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। एक दशक से ज्यादा समय के बाद भी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अपना भवन नसीब नहीं हो पाया है। हालांकि कहने में सीयू प्रशासन के पास शाहपुर, सप्त सिंधु परिसर देहरा और धौलाधार परिसर धर्मशाला तीन परिसर हैं। लेकिन सभी परिसर अस्थायी हैं एवं उधारी के भवनों में केंद्रीय विश्वविद्यालय का संचालन हो रहा है।
अब पिछले दो साल से हाल से यहां प्रशासनिक हाल भी खराब हैं। सीयू के दो वर्ष पूर्व तक प्रशासनिक स्थितियां कुछ ठीक ठाक भी थीं, लेकिन पिछले एक साल से प्रशासनिक दशा बदहाली का रोना रो रही है।
प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री के सेवानिवृत्त की आयु पूरी होने के बाद केंद्रीय सरकार और शिक्षा मंत्रालय ने उन्हें एक्सटेंशन दे दी, जबकि शक्तियां भी छीन ली। इस वर्ष फरवरी के उनके इस्तीफे के बाद नए वीसी की आस जगी ही थी तो वहां कुलपति के पद पर डा. रोशन लाल शर्मा को कार्यकारी कुलपति बनाकर तैनात कर दिए।
इसके बाद परीक्षा नियंत्रक का देहांत हुआ तो उस पोस्ट पर भी कार्यकारी अधिकारी तैनात कर दिया। संस्थान में उधारी के हालात सिर्फ यहीं नहीं थम गए। संस्थान के संचालन के लिए वीसी के बाद प्रशासनिक सबसे बड़े पद पर भी सरकार ने कार्यकारी अधिकारी तैनात कर दिया है। उधारी के भवन व उधारी के अधिकारी से कैसे गुणात्मक शिक्षा मिलेगी।