आखिर केंद्रीय विश्वविद्यालय में लेटलतीफी पर फूटा अनुराग का गुस्सा, अपनी सरकार को भी लपेटा
Anurag Thakur Aggressive केंद्रीय विश्वविद्यालय का मामला कई वर्षों से अभी भी अधर में लटका हुआ है। जदरांगल व देहरा में सीयू निर्माण के शिलान्यासों के बाद भी धरातल पर अभी तक कुछ भी नहीं है। वायदे तो बहुत हुए लेकिन जमीन पर देखें तो कुछ भी नहीं है।
धर्मशाला, जेएनएन। केंद्रीय विश्वविद्यालय का मामला कई वर्षों से अभी भी अधर में लटका हुआ है। धर्मशाला के जदरांगल व देहरा में सीयू निर्माण के शिलान्यासों के बाद भी धरातल पर अभी तक कुछ भी नहीं है। वायदे तो बहुत हुए, लेकिन जमीन पर देखें तो कुछ भी नहीं है। एेसे में अब केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर की तलखी भी सामने आई है। उनकी तलखी भी ऐसे निकली कि केंद्रीय विश्व विद्यालय के निर्माण में हो रही देरी को लेकर ठीकरा उन्होंने अपनों के सिर पर ही फाेड़ा। नाराजगी इसलिए भी थी कि कांग्रेस सरकार ने पहले तो यहां पर निर्माण कार्य को लेकर अपने दांव पेंच खेले। लेकिन जब अब प्रदेश में भाजपा की सरकार है फिर भी अभी तक निर्माण को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है।
केंद्रीय विश्वविद्यालय व स्थानीय प्रशासन इसे लेकर क्या कर रहा है। उनका गुस्सा इस बात को लेकर भी जायज रहा कि देहरा विधानसभा क्षेत्र जहां पर केंद्रीय विश्व विद्यालय के आधे भाग का निर्माण होना है वह उनका संसदीय क्षेत्र भी है और वहां पर भी कई बार कहने के बावजूद स्थिति जस की तस है।
उनका यह गुस्सा आनलाइन जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में निकला। इस बैठक में सांंसद किशन कपूर भी मौजूद थे और उनके समक्ष ही अनुराग ठाकुर द्वारा जबाव तलबी हर किसी से की गई। स्पष्ट यह जबाव मांगा गया कि किस दिन किस वर्ष क्या-क्या हुआ। क्या ऐसी कोई जमीन नहीं थी, जहां निर्माण शुरू किया जा सकता था। केंद्रीय विवि के लिए 81 हेक्टेयर 2016 में स्वीकृत हो गई और बाकी चार साल में जमीन ट्रांसफर ही नहीं हो पाई। केंद्रीय विवि प्रशासन क्या कर रहा है।
अनुराग का गुस्सा फूटा तो अब यह भी जबाव देही मांगी गई है कि 15 दिनों के अंदर यह भी बताया जाए कि किस स्तर पर क्या कार्य आगे होने हैं। सीयू पर अनुराग ठाकुर की तलखी जताते हुए अपने तेवर भी जाहिर कर दिए हैं कि अब वह इस मामले में लेटलतीफी सहन करने वाले नहीं हैं।