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CBI Raid: 250 करोड़ के छात्रवृति घाेटाले में सीबीआइ ने टाहलीवाल में बैंक शाखा में दी दबिश, पढ़ें पूरा मामला

CBI Raid Una अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और ओबीसी वर्ग के हिमाचली विद्यार्थियों के साथ हुए करीब 250 करोड़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले के संदर्भ में मंगलवार को सीबीआइ ने टाहलीवाल में दब‍िश दी।सीबीआइ टीम ने छापामारी कर छात्रवृत्ति ले रहे छात्र छात्रों के खातों की रेंडमली जांच की

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Tue, 05 Oct 2021 01:27 PM (IST)Updated: Tue, 05 Oct 2021 01:27 PM (IST)
CBI Raid: 250 करोड़ के छात्रवृति घाेटाले में सीबीआइ ने टाहलीवाल में बैंक शाखा में दी दबिश, पढ़ें पूरा मामला
250 करोड़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले के संदर्भ में मंगलवार को सीबीआइ ने टाहलीवाल में दब‍िश दी।

टाहलीवाल, नवीन महेश। CBI Raid Una, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी वर्ग के हिमाचली विद्यार्थियों के साथ हुए करीब 250 करोड़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले के संदर्भ में मंगलवार को सीबीआइ ने टाहलीवाल में दब‍िश दी। मंगलवार को औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल के एक सरकारी बैंक में सीबीआइ की टीम ने छापामारी कर छात्रवृत्ति ले रहे छात्र छात्रों के खातों की रेंडमली जांच की और कुछ रिकार्ड अपने साथ भी ले गई है। औद्योगिक क्षेत्र के साथ ही एक विश्वविद्यालय व एक पालीटेक्निकल कालेज से जांच के तार जुड़े हैं।

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गौरतलब है कि 250 करोड़ से अधिक राशि के छात्रवृत्ति घोटाले के मामले के तार पंडोगा से पंजाब के नवांशहर तक जुड़े होने के पुख्ता सुबूत हाथ लगे हैं। इसके बाद सीबीआइ ने केसी ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन पंडोगा के वाइस चेयरमैन और नवांशहर बैंक शाखा के कैशियर, शिक्षा निदेशालय के अधीक्षक से कथित मिलीभगत के चलते गिरफ्तार किया था।

शिक्षा निदेशालय से साल 2013-14 से 2016-17 तक मात्र छह निजी शिक्षण संस्थानों को 127 करोड़ की छात्रवृत्ति राशि जारी हुई है। सरकारी अफसरों की मिलीभगत से 266 निजी शिक्षण संस्थानों को कुल छात्रवृत्ति राशि का 80 फीसद बजट दिया गया है। चार साल में सबसे अधिक आइटीएफटी चंडीगढ़ को 39 करोड़ और दूसरे नंबर पर हिमालयन ग्रुप आफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट कालाअंब को 35 करोड़ जारी किए गए। इसके अलावा विद्या ज्योति ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन को 15 करोड़, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन पंडोगा को 13 करोड़, केसी ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन नवांशहर को 12 करोड़ और सुखविंद्र ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन दुनेरा को 10 करोड़ की छात्रवृत्ति राशि जारी की गई, जबकि 2506 सरकारी व निजी संस्थानों को सिर्फ 20 फीसद छात्रवृत्ति बजट ही दिया गया। सीबीआइ अब इस मामले की गहनता से जांच कर रही है।

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