बांध किनारे बेमौत मर रहे मवेशी, पशुपालन विभाग भी बेबस
धमेटा के आसपास दो माह में करीब 60 से 70 पशुओं की मौत के बाद भेड़-बकरियां भी मरने लगी हैं। एक माह से भेड़-बकरियां मर रही हैं।
जेएनएन, धर्मशाला। धमेटा के आसपास दो माह में करीब 60 से 70 पशुओं की मौत के बाद भेड़-बकरियां भी मरने लगी हैं। एक माह से भेड़-बकरियां मर रही हैं। लेकिन इन मवेशियों की मौत कैसे हो रही है, इसको लेकर अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। भेड़ों की अज्ञात बीमारी के चलते अचानक हो रही मौत से भेड़पालक सदमे में हैं तो वहीं इस मामले में पशुपालन विभाग के डॉक्टरों के हाथ खड़े हैं।
उपमंडल फतेहपुर के कस्बा धमेटा के पास कोहल्ड़ी में डेरा लगाकर बैठे भेड़पालकों पर एक माह से जैसे कुदरत का कहर बरप रहा है। एक माह की अवधि में उनकी लगभग 75 भेड़ें काल का ग्रास बन चुकी हैं। यह सिलसिला थमा नहीं है और मरने वाली भेड़ों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। भेड़पालक मितर ङ्क्षसह पुत्र अभिया राम निवासी गांव व डाकघर नागनपट्ट तहसील धर्मशाला ने बताया करीब एक माह पहले उसकी भेड़ों के अचानक से मरने का सिलसिला शुरू हुआ। पहले तो उसे कुछ समझ ही नहीं आया कि आखिरकार यह क्या हो रहा है।
फिर उसने पशुपालन विभाग के चिकित्सों से संपर्क किया। चिकित्सकों ने आकर उपचार शुरू किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ और भेड़ों का मरना जारी रहा। इस तरह तो उसकी सारी भेड़ें मर जाएंगी जिससे वह कहीं का नहीं रहेगा। इस मामले में भेड़पालकों ने पशुपालन विभाग के डॉक्टरों से संपर्क साधा लेकिन डॉक्टर भी उपचार देने के बाद बेबस नजर आए।
पशु चिकित्सालय स्थाना में तैनात पशु चिकित्सक मैंगा राम ने बताया भेड़ों की मौत कैसे हो रही पता नहीं लगा है। कुछ दिन पहले भेड़पालकों ने उनसे संपर्क किया था। दो सैंपल लेकर वेटरनरी कॉलेज पालमपुर में भेजे गए हैं। वहीं पशु चिकित्सालय शाहपुर की टीम ने भी सैंपल लिए हैं। प्रथम दृष्टया तो यह पाया गया है कि भेड़ों का लीवर और फेफड़े काम नहीं कर रहे हैं जिस कारण उनकी मौत हो रही है। ऐसा क्यों हो रहा है इसका पता रिपोर्ट आने के बाद ही लगेगा। किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के उपरांत ही उचित उपचार किया जा सकता है।