दूधिया रोशनी से जगमगाया ब्यास पुल
रोशनी की परेशानी को लेकर ब्यास नदी पर बनी महाराणा प्रताप सागर पौंग झील के पुल पर 16 नई लाइटें लगाई गई हैं
संवाद सहयोगी, देहरा : ब्यास नदी पर बनी महाराणा प्रताप सागर पौंग झील के पुल पर 16 लाइटें लगाई गई हैं जिससे दूधिया रोशनी में अब पुल पर गुजरने वाले राहगीरों को भी सहूलियत मिल रही है। रोशनी की समस्या के संदर्भ में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एसडीएम देहरा धनवीर ठाकुर को लिखित अवगत कराया था। इसके बाद एसडीएम देहरा ने पुल को रोशन करने के लिए अनुमति दी थी।
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रात में खूबसूरती को लगते हैं चार चांद
दूधिया रोशनी से रात को ब्यास पुल का नजारा बेहद खूबसूरत हो जाता है। राहगीरो व पर्यटकों को भी ब्यास पुल काफी मनमोहक लग रहा है। दिन के समय भी इस पुल से नजारा देखने वाला होता है। सर्दियों में धौलाधार पर्वत पर बर्फ की सफेद चादर यहां से बिल्कुल साफ दिखती है। पर्यटक अकसर इन तस्वीरों को कैमरे में कैद करते हैं।
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पंजाब के मुख्यमंत्री ने किया था पुल का उद्घाटन
1962 में तत्कालीन पंजाब सरकार के पहले मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैहरों ने ब्यास पुल का उद्घाटन किया था। हिमाचल प्रदेश के गठन के पूर्व यह क्षेत्र पंजाब के होशियारपुर से जुड़ा था। उस वक्त लगभग दो साल में यह पुल बनकर तैयार हुआ था और तत्कालीन मुख्यमंत्री ने पुल का उद्घाटन किया था। देहरा के सुशील शर्मा ने बताया कि यह पुल पंजाब सरकार के समय में बनाया गया था व 20 वर्ष पहले यहां लाइटें लगी जो कुछ दिन जलाई गईं व बाद में बंद हो गईं।
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रोशनी का श्रेय दिया मनोज भारद्वाज को
शनि मंदिर लोअर सुनहेत देहरा के प्रबंधक पुजारी मनोज भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने एसडीएम देहरा से निवेदन किया था कि पुल पर कई वर्ष पहले लाइट लगी, जो कि कुछ महीने ही चल सकी। इसके बाद इस पुल पर अंधेरे के कारण बहुत दुर्घटनाएं हुई। इसके बाद एसडीएम देहरा ने आदेश दिए व मनोज ने लाइटें दी। इस वजह से फिर यह पुल रोशनी से चकाचौंध हो गया।
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ब्यास नदी पर बने पुल पर लाइटें काम नहीं कर रही थी। मैंने नगर परिषद से इस मामले को उठाया तो उन्होंने इस पर असमर्थता जताई। फिर इस विषय पर मैंने शनि मंदिर के मुखिया मनोज भारद्वाज से बात की तो उन्होंने ये लाइटें उपलब्ध करवाई। इसके बाद मैंने यहां लाइटें लगवाकर जनता को समर्पित की हैं।
-धनवीर ठाकुर, एसडीएम देहरा