दिन-रात एक कर बीआरओ ने बहाल किया रोहतांग दर्रा, राहनीनाला में हिमखंड गिरने से फिर बाधित
दोपहर के वक्त बीआरओ ने रोहतांग दर्रे को बहाल कर लिया। लेकिन राहनीनाला में हिमखंड गिरने से एक बार फिर दर्रा बाधित हो गया है।
मनाली, जागरण संवाददाता। रोहतांग दर्रे को बहाल करने के लिए बीआरओ के जवान देर रात तक डटे रहे। बीआरओ के जवानों ने माइनस डिग्री तापमान के बीच राेहतांग दर्रे पर फंसे छह ट्रकों को निकाल लिया। दोपहर के वक्त बीआरओ ने रोहतांग दर्रे को बहाल कर लिया। लेकिन राहनीनाला में हिमखंड गिरने से एक बार फिर दर्रा बाधित हो गया है। सुबह भी यहां हिमखंड गिरा था। गनीमत रही कि कोई इसकी चपेट में नहीं आया। तीन दिन से बर्फ हटाने में जुटा बीआरओ रोहतांग बहाली के बाद दोबारा हिमखंड को हटाने में जुट गया है। रोहतांग दर्रे पर तीन फीट तक बर्फ की मोटी परत जमी थी।
बर्फबारी के बाद रोहतांग दर्रा बंद होने से पुलिस जवानों की बस समेत कई वाहन फंसे हैं, जिन्हें निकालने के लिए बीआरओ के जवान दिन-रात एक कर दर्रे से बर्फ हटाने में जुटे रहे। लाहुल की ओर बीआरओ को अधिक दिक्कत नहीं हुई लेकिन मनाली की ओर राहनीनाला से रोहतांग तक बर्फ़ीली हवा ने बीआरओ की परेशानी बढ़ाई।
राहनीनाला से रोहतांग तक चलने वाली बर्फ़ीली हवा बार बार सड़क को बर्फ से ढक रही है। जिस कारण इस मार्ग से आवाजाही करना खतरनाक साबित हो सकता है। बर्फ़ीली हवाओं के कारण बीआरओ इस स्थान पर प्रोग्रेस भी नहीं दे पाया। बीआरओ के प्रयासों से सुबह रोहतांग दर्रे में फंसे छह ट्रकों को निकाल लिया गया। जबकि लाहुल के फंसे वाहनों को अभी नहीं निकाला जा सका है। लाहुल निवासी सुशील, सोनू, रमेश, रिगजिन व दीपक ने बताया बीआरओ के प्रयास से उन्हें राहत मिलने जा रही है। बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया बीआरओ के जवान तीन दिनों से रोहतांग बहाली में जुटे हुए थे व दोपहर के वक्त दर्रा बहाल कर लिया गया। लेकिन हिमखंड गिरने से आवाजाही फिर बाधित हो गई है।