बोदा के अभिषेक बने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट
इसे देश सेवा का जज्बा कहें या फिर कुछ ओर कि आज धीर उपमंडल की ग्राम पंचायत बोदा के एक परिवार की तीसरी पीढ़ी फिर से देश सेवा के लिए तैयार हो गई है। अभिषेक पटियाल का चयन भारतीय सेना में बतौर लेफ़्िटनेंट के पद पर हुआ है।
भवारना, शिवालिक नरयाल। इसे देश सेवा का जज्बा कहें या फिर कुछ ओर कि आज धीर उपमंडल की ग्राम पंचायत बोदा के एक परिवार की तीसरी पीढ़ी फिर से देश सेवा के लिए तैयार हो गई है। पीढ़ी दर पीढ़ी इस परिवार के देश के प्रति प्रेम के जज्बे को हर कोई प्रशंसा किए बिना नहीं थक रहा।
विकास खंड भेडू महादेव की ग्राम पंचायत बोदा के अभिषेक पटियाल का चयन भारतीय सेना में बतौर लेफ़्िटनेंट के पद पर हुआ है। भवारना के साथ लगती पंचायत बोदा के अभिषेक पटियाल ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद की शपथ बीते शनिवार को आइएमए देहरादून में ली। अभिषेक ने शुरू की पढ़ाई माउंट कार्मेल स्कूल ठाकुरद्वारा से की।जमा दो की पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल से की। उन्होंने बी टेक इलेक्ट्रॉनिक एंड टेलेकम्युनिकेशन आर्मी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पुणे से की। वह अगस्त 2018 में सीडीएस परीक्षा से आईएमए देहरादून में शामिल हुए। 12 दिसबर 2020 को दीक्षांत परेड में शपथ ग्रहण की।
अभिषेक ने अपने परिवार में तीसरी पीढ़ी में भी देश सेवा का जज्बा बरकरार रखा है। अभिषेक के दादा भाग सिंह पटियाल भी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनके पिता सीता राम पटियाल ने भी भारतीय सेना के पोस्टल विभाग में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वह अब भी पोस्टल विभाग में धीरा में सब पोस्ट मास्टर के पदपर तैनात हैं।
अभिषेक के चाचा भी भारतीय सेना में देश की सेवा कर चुके हैं। अभिषेक की बहन स्वेता पटियाल ने एमबीए की पढ़ाई की है। बचपन से ही अपने दादा, पिता और चाचा को सेना की वर्दी में देख देख कर पले बढ़े हुए अभिषेक पटियाल ने बचपन से ही भारतीय सेना में जाने का मन बना लिया था।
उन्होंने भी पढ़ाई के साथ देश की सेवा का पाठ अपने परिजनों से पढ़ना शुरू किया और आखिर वह अपने उस सपने को साकार कर गए जो उन्होंने नंगी आंखों से देखा था। इनकी माता मंजुला पटियाल एक गृहणि हैं ओर उनको अपने बेटे की इस उपलब्धि पर नाज़ है। अभिषेक ने बताया कि वह अपनी सफलता का श्रेय अपने परिजनों को ही देते हैं। वह अपने कुछ गुरुओं को भी याद करते दिखे जिन्होंने उनका मार्गदर्शन किया।
अभिषेक के दादा भाग सिंह स्वर्ग सिधार गए हैं लेकिन उनकी दादी जमुना देवी भी इस मौके पर काफी खुश दिखीं और कहा, पौते की इस उपलब्धि पर उन्हें नाज है।