हिंदुत्व के प्रमाण पर शांता कुमार ने क्यों की भावुक टिप्पणी, जानिए पूरा मामला
Shanta Kumar Emotional comment on Hinduism वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि यदि वे उन्हें हिंदू नहीं समझते तो उन्हें कुछ भी नहीं कहना है।
पालमपुर, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने कहा है कि कसौली में आयोजित खुशवंत सिंह लिट फेस्ट के दौरान दिए गए उनके बयान का गलत अर्थ निकाला है। बकौल शांता, कार्यक्रम में यही कहा था कि हिमाचल में इतना महत्वपूर्ण कार्यक्रम हर साल होना अच्छी बात है। प्रदेश के लिए यह सौभाग्य की बात है कि भारत ही नहीं बल्कि विश्वभर से भी साहित्यकार और बुद्धिजीवी इसमें भाग लेते हैं। शांता कुमार ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं कहा था जिस पर विवाद खड़ा हो सके। भाजपा नेता ने कहा कि उनके कहने का सीधा सा अर्थ था कि कार्यक्रम में राजनीतिक मुद्दों और अनुच्छेद 370 की चर्चा नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा बुद्धिजीवियों के कार्यक्रम में उन्होंने अपनी टिप्पणी राजनीतिक भाषा में नहीं की थी। इस कारण सोलन के कुछ मित्रों को भ्रम हो गया लेकिन अच्छा होता वे फोन कर पूछ लेते। वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि यदि वे उन्हें हिंदू नहीं समझते तो उन्हें कुछ भी नहीं कहना है। उन्हें बस इतना ही कहना है कि जीवन के इस मोड़ पर किसी से भी हिंदू होने का प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है। कहा कि प्रसन्नता है कि इन मित्रों ने क्रोध में आकर पुतला भी फूंका। यह धारणा है कि जिसका पुतला फूंका जाता है, उसकी आयु बढ़ जाती है।
यह था मामला
कसौली में आयोजित साहित्यकार सम्मेलन के दौरान शांता कुमार ने कथित रूप से अनुच्छेद 370, मॉव लिचिंग व पाकिस्तानी साहित्यकारों को न बुलाने की विवादास्पद टिप्पणी की थी। इस पर हिंदू संगठनों ने संज्ञान लेते हुए कसौली क्लब के बाहर शांता कुमार के विरुद्ध प्रदर्शन किया था और उनका पुतला भी फूंका था।