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मंत्रियों के खिलाफ नाराजगी को भांपकर भाजपा आलाकमान ने मंडी संसदीय सीट से उतारा नया चेहरा

भाजपा आलाकमान ने मंडी संसदीय सीट से सरकार के दो मंत्रियों में से एक को चुनाव मैदान में उतारने का जोखिम नहीं उठाया। अरसे से माना जा रहा था कि मंडी लोकसभा के लिए उपचुनाव में वरिष्‍ठतम मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर को चुनाव में उतारा जा सकता है।

By Richa RanaEdited By: Published: Thu, 07 Oct 2021 05:00 PM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 05:00 PM (IST)
मंत्रियों के खिलाफ नाराजगी को भांपकर भाजपा आलाकमान ने मंडी संसदीय सीट से उतारा नया चेहरा
भाजपा आलाकमान ने मंडी संसदीय सीट पर नया चेहरा उतारा है।

शिमला,राज्य ब्यूरो। उपचुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए भाजपा आलाकमान ने मंडी संसदीय सीट से सरकार के दो मंत्रियों में से एक को चुनाव मैदान में उतारने का जोखिम नहीं उठाया। अरसे से माना जा रहा था कि मंडी लोकसभा के लिए उपचुनाव में वरिष्‍ठतम मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर को चुनाव में उतारा जा सकता है। लेकिन महेंद्र सिंह द्वारा शिक्षकों के खिलाफ की गई टिप्पणी, मंडी में आयोजित जनमंच में अधिकारियों को धमकाने से जुड़ा मामला और सेब बागवानों को टाेकरियों में सेब बेचने के सुझाव ने तूफान खड़ा कर दिया था।

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उसके बाद ऐसा माना जाता रहा कि मनाली विधानसभा क्षेत्र से संबंध रखने वाले शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर को भाजपा चुनाव में उतार सकती है। भाजपा की ओर से करवाए गए सर्वेक्षण में सामने आया कि सरकार के किसी एक मंत्री को उपचुनाव में उतारना जोखिम भरा हो सकता है। उसके बाद भाजपा ने मंथन किया और नया चेहरा चुनाव में उतारा। ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर नया चेहरा होने के साथ-साथ कारगिल युद्ध से जुड़े रहे हैं और उनके खिलाफ पहले से कोई विवाद भी जुड़ा नहीं रहा है। विधानसभा के लिए होने वाले तीन उपचुनाव में भी विरोधी लहर के फैक्टर को दृष्टिगत रखा गया। चुनावी राजनीति का सत्य है कि सत्ता में बैठे मंत्री और विधायक के खिलाफ स्वभाविक तौर पर विरोधी लहर उत्पन्न होती है। भाजपा सरकार चार साल का पूरे करने जा रही है।

इसीलिए तीन सीटों पर नए चेहरे उतारे

मंडी लोकसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में भाजपा ने ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर को प्रत्याशी बनाकर चुनाव में नया चेहरा बनाया। उनके पक्ष में जाता है कि उन्होंने भाजपा के विपक्ष में रहते हुए फोरलेन विस्थापितों और उनकी समस्याओं को लेकर आंदोलन का नेतृत्व किया था। मंडी लोकसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव के अलावा तीन विधानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं। जिनमें कांगड़ा जिला का फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र, शिमला जिला का जुब्बल-कोटखाई और सोलन जिला का अर्की विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।

रतनपाल को दूसरी बार उतारा मैदान में

सोलन जिला के तहत आने वाले अर्की विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने रतन पाल को दूसरी बार चुनाव मैदान में उतारा है। इससे पहले रतन पाल वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में स्व. वीरभद्र सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। सर्वेक्षण में पाया गया था कि उनके खिलाफ व्यक्तिगत तौर पर जन विरोध नहीं है। इसी तरह से जुब्बल-कोटखाई सीट से महिला नेत्री नीलम सरैक को यही सोचकर टिकट दिया गया। कांगड़ा जिला की फतेहपुर सीट से बलदेव ठाकुर को चुनाव मैदान में उतारा है। बलदेव ठाकुर ने पिछला चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़ा था।


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