19 साल की उम्र से राजनीति में हूं, मरते दम तक रहूंगा: शांता कुमार
शांंता कुमार ने कहा कि मैंने पहले भी लोगों की सेवा की है और अब भी यह चाहता हूं की सक्रिय रूप से देश व प्रदेश के लोगों के काम आ सकूं।
संवाद सहयोगी, पालमपुर। मैं पहले ही राजनीतिक के मैदान में था और मरते दम तक रहूंगा। लोकसभा के चुनावों में टिकट का फैसला हाईकमान ही करेगा, मैं अपनी इच्छा पहले जाहिर कर चुका हूं, लेकिन अंतिम निर्णय हाईकमान ही करेगा। यह बात कांगड़ा-चंबा के सांसद शांता कुमार ने बुधवार को अपने 85वें जन्मदिन पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के चुनावों को जीतकर जो बीज भाजपा ने बोया था, उसका फल अब आगामी 2019 के चुनावों में मिलेगा तथा यही कारण है कि 2019 के चुनाव जीतना अनिवार्य है, ताकि भाजपा ने जो गरीबों और आम लोगों को बेहतर सुविधाएं देने का सपना देखा था वह पूरा हो सके।
उन्होंने कहा कि आज देश व प्रदेश में भाजपा की सरकार है और मुझे खुशी है कि हमारे नेता सेवा भाव से लोगों के काम कर रहे हें और सरकारे बेहतर काम कर रही है। शांंता कुमार ने अपने जन्मदिन पर लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे प्रसन्नता इस बात की है कि मैंने अपने 84 साल में किस तरह से जिया हूं। मैंने पहले भी लोगों की सेवा की है और अब भी यह चाहता हूं की सक्रिय रूप से देश व प्रदेश के लोगों के काम आ सकूं। उन्होंने हंसते हुए कहा कि मैं यह सोच रहा हूं कि मैरा एक वर्ष बढ़ा या कम हो गया, लेकिन जो भी हुआ मेरा सेवा भाव लोगों के लिए जस का तस रहेगा।
उस समय का अंतिम व्यक्ति हूं
शांता कुमार ने कहा कि 19 वर्ष की आयु में मैं राजनीति में आया और इस दौरान जेल भी गया, लेकिन आज उस समय का कोई साथी मेरे साथ इस दुनिया में नहीं है। 53 में हिसार जेल में रहा तो उस समय में 25 साथी 20 साल से कम उम्र के युवा थे, और इस समय उनमें से कोई दुनिया में। उस समय हम यह सोचते थे कि जब भी हमारी सरकार आए तो हम देश का नक्शा बदले। उस समय का अंतिम व्यक्ति हूं। ठाकुर कुंज लाल मेरे अंतिम साथी थे।
गरीबी बेरोजगारी दूर करने का सपना अधूरा
शांता कुमार ने कहा कि हमारा सपना है कि इस देश की गरीब और बेरोजगारी दूर हो, लेकिन हमारा यह सपना अभी तक पूरा नहीं है तथा हमारा प्रयास है कि प्रदेश व देश की सरकार इस सपने को पूरा करें ताकि हर हाथ को काम मिल सके।