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Bird Flu Virus: हिमाचल में पक्षियों की मौत का आंकड़ा पांच हजार के पार, संक्रमण की रोकथाम का उपाय नहीं

Himachal Bird Flu Update हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू से मरने वाले पक्षियों का आंकड़ा पांच हजार पार हो गया है। इनमें 211 वन्य पक्षी को छोड़कर बाकी सभी विदेशी परिंदे ही है। इनमें से भी ज्यादातर बार हेडिड गीज प्रजाति के हैं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 09:05 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 09:05 AM (IST)
Bird Flu Virus: हिमाचल में पक्षियों की मौत का आंकड़ा पांच हजार के पार, संक्रमण की रोकथाम का उपाय नहीं
हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू से मरने वाले पक्षियों का आंकड़ा पांच हजार पार हो गया है।

धर्मशाला/शिमला, जेएनएन। Himachal Bird Flu Update, हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू से मरने वाले पक्षियों का आंकड़ा पांच हजार पार हो गया है। इनमें 211 वन्य पक्षी को छोड़कर बाकी सभी विदेशी परिंदे ही है। इनमें से भी ज्यादातर बार हेडिड गीज प्रजाति के हैं। ऐसे पक्षियों की मौतें पौंग बांध क्षेत्र में ही हुई हैं। मृत्यु दर में बेशक गिरावट आई हो, लेकिन संक्रमण की रोकथाम नहीं हो पाई है। दु:खद पहलु यह है कि  पक्षियों में इस संक्रमण के फैलाव को रोकने का कोई उपचार नहीं है। पक्षियों को न तो पकड़ा जा सकता है और न ही इन्हें इंजेक्शन से दवा दी जाने की कोई व्यवस्था है। पशुपालन विभाग ने एक-दो पक्षियों को पकडऩे की कोशिश भी की थी, लेकिन इनमें इंजेक्शन लगाने की कोशिशें असफल रही। अब मृत पक्षी की तलाश कर उसे कौओं, कुत्तों या अन्य वन्य प्राणियों के शिकार होने से बचाया जा रहा, ताकि संक्रमण आगे न फैल पाए।

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कब क्या हुआ

  • 28 दिसंबर को पहली बार 5 विदेशी परिंदे पौंग बांध क्षेत्र में मृत पाए गए थे।
  • 29 दिसंबर को मृत परिंदों की संख्या 419 हुई।
  • 4 जनवरी को एक दिन में सर्वाधिक 623 मौतें हई थी।
  • 13 जनवरी के बाद मृत्यू दर में गिरावट आनी आरंभ हुई। तब से लगातार गिरावट आ रही है। लेकिन एक भी दिन ऐसा नहीं जब मौत न हुई हों।
  • 21 जनवरी तक कुल मृत पक्षियों की संख्या 5171 तक पहुंच गई। इनमें से 211 अन्य वन्य पक्षी और 4960 विदेशी पक्षी शामिल थे।

चार और परिंदों की मौत

पौंग बांध क्षेत्र में चार और विदेशी परिंदों की मौत हो गई है। अब इन पक्षियों की मौत की संख्या 4964 हो गई है।

मृत्‍यु दर कम हुई : पीसीसीएफ

वन्‍य प्राणी विंग की पीसीसीएफ अर्चना शर्मा का कहना है पक्षियों को पकड़ा नहीं जा सकता है। संक्रमण का कोई उपचार या दवा नहीं है। एक बार कोई पक्षी संक्रमित हो जाए तो जिंदा बचना मुश्किल हो जाता है। विभाग के प्रयासों का ही नतीजा है कि अब मृत्यु दर में कमी आई है।


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