पौंग बांध क्षेत्र में तीन हजार विदेशी परिंदों की मौत, कांगड़ा व बिलासपुर में कौवों व तोतों की मौत की भी सूचना
Bird Flu ALERT हिमाचल प्रदेश में विदेशी परिंदों पर बर्ड फ्लू का संकट गहराने लगा है। बुधवार को पौंग बांध क्षेत्र में 292 और प्रवासी पक्षी मृत पाए गए। अब तक बांध क्षेत्र में 3030 परिंदों की मौत हो चुकी है।
धर्मशाला/शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश में विदेशी परिंदों पर बर्ड फ्लू का संकट गहराने लगा है। बुधवार को पौंग बांध क्षेत्र में 292 और प्रवासी पक्षी मृत पाए गए। अब तक बांध क्षेत्र में 3030 परिंदों की मौत हो चुकी है। उधर, कांगड़ा के ही पौंग क्षेत्र और बिलासपुर के कोल बांध क्षेत्र में करीब 18 कौवों व तोतों की भी मौत होने की भी सूचना है। यह मामला वन विभाग के भी ध्यान में हैं, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि अभी आधिकारिक सूचना नहीं है। उन्हें किसी भी व्यक्ति ने ऐसी सूचना रिपोर्ट नहीं की है।
प्रधान मुख्य अरण्यपाल (पीसीसीएफ) डा. सविता शर्मा ने शिमला में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समीक्षा बैठक कर सभी डीएफओ, कन्जरवेटरों को अधिक सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। पीसीसीएफ (वन्य प्राणी विंग) अर्चना शर्मा ने पौंग बांध क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों को केंद्र की एडवायजरी का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए। स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का उन्होंने खुद भी पालन किया। शीर्ष महिला वन अधिकारियों ने कहा कि वे बर्ड फ्लू को पक्षियों से पोल्ट्री फार्मों और वहां से इंसान में फैलने से रोकने के लिए प्रभावी कदम उठा रहे हैं। मुख्य अरण्यपाल उत्तरी क्षेत्र धर्मशाला उपासना पटियाल भी उनके साथ मौजूद रहीं।
देहरादून से आई टीम लौटी
बर्ड फ्लू फैलने के कारणों की जांच के लिए देहरादून से पहुंची वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की टीम जानकारी एकत्र करने के बाद लौट गई है। टीम केंद्र सरकार को रिपोर्ट देगी। वहीं, जालंधर भेजे गए पोल्ट्री के 119 सैंपल की जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
और प्रवासी पक्षियों की मौत
पीसीसीएफ वन्य प्राणी विंग अर्चना शर्मा कौवों, तोतों के मौत की खबर सुनी जरूर है, लेकिन न तो कांगड़ा और न ही बिलासपुर से इसकी कोई रिपोर्ट हमें मिली है। मैंने पौंग बांध क्षेत्र का दौरा किया है और वायरस की रोकथाम की दिशा में एहतियात बरतने को कहा है। 292 और प्रवासी पक्षियों की मौत हुई है।
वायरस को रोकन के लिए हर कदम उठा रहे : पीसीसीएफ
पीसीसीएफ डा. सविता शर्मा का कहना है वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फील्ड के अधिकारियों के साथ बैठक की गई। इसमें बर्ड फ्लू के पूरे हालात की समीक्षा की गई और जरूरी हिदायतें दी। सबसे बड़ी चुनौती यही है कि पक्षियों से वायरस मुर्गी, मुर्गे में और इनसे मानव में न आए। जो भी कदम उठाने चाहिए थे, उठाए जा रहे हैं।
लोग दहशत में न आएं : मुख्यमंत्री
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है बर्ड फ्लू से विदेशी परिंदों की मौत का मामला गंभीर विषय है। सरकार ने भी इसे गंभीरता व संवेदनशीलता के साथ लिया है। पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। इनकी रोकथाम के उचित कदम उठाए जा रहे हैं। कांगड़ा जिले का प्रशासन भी कार्रवाई कर रहा है, जो भी एहतियाती उपाय उठाए हैं, उससे इस वायरस के फैलाव पर जरूर रोक लगेगी, लेकिन लोगों को डरने और दहशत में आने की जरूरत नहीं है। अभी तक यह वायरस इंसान में नहीं आया है।