5364 मीटर ऊंचे तांगलांग दर्रा से गुजरेगी बिलासपुर-लेह रेललाइन, 83 हजार करोड़ आएगी लागत, पढ़ें खबर
Bilaspur Leh Rail line सामरिक दृष्टि से अहम बिलासपुर-लेह रेललाइन की अनुमानित लागत 83360 करोड़ रुपये आंकी गई है। 458 किलोमीटर लंबी इस रेललाइन के निर्माण के लिए हलचल तेज हो गई है। यह रेललाइन भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी से आगे मंडी-मनाली होते हुए लेह तक पहुंचेगी।
शिमला, जेएनएन। सामरिक दृष्टि से अहम बिलासपुर-लेह रेललाइन की अनुमानित लागत 83,360 करोड़ रुपये आंकी गई है। 458 किलोमीटर लंबी इस रेललाइन के निर्माण के लिए हलचल तेज हो गई है। यह रेललाइन भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी से आगे मंडी-मनाली होते हुए लेह तक पहुंचेगी। इस रेललाइन के बनने से चीन सीमा तक सेना की पहुंच आसान हो जाएगी। इसी वजह से इस रेललाइन का निर्माण राष्ट्रीय परियोजना के तहत होगा।
इस संबंध में नई दिल्ली से आए रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने शिमला में राज्य के अधिकारियों से मंत्रणा की।
इस मामले को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्रीय मंत्रियों के समझ उठा चुके हैं। बैरी से आगे रेललाइन निर्माण को लेकर पहले चरण का सर्वेक्षण हो चुका है। यह रेललाइन 5364 मीटर ऊंचे तांगलांग ला दर्रा से गुजरेगी। इसमें 74 सुरंगों, 124 बड़े व 396 छोटे पुलों का निर्माण होगा।
हिमाचल सरकार में प्रधान सचिव केके पंत ने बताया कि रेल मंत्रालय के अधिकारियों के साथ शिमला में इस मंत्रणा हुई है। यदि केंद्र सरकार इस रेल परियोजना को राष्ट्रीय महत्व की घोषित करती है तो प्रदेश सरकार को हिस्सेदारी नहीं करनी पड़ेगी।
देरी से लागत 6753 करोड़ पहुंची
इस परियोजना को 2008 में यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान पीएमओ ने मंजूरी दी थी। इसके लिए 75:25 के अनुपात में खर्च उठाने की सहमति बनी थी। प्रथम चरण की लागत 2966 करोड़ रुपये आंकी गई थी, जोकि बढ़कर 6753 करोड़ हो गई है। अब प्रथम चरण के 63.1 किलोमीटर हिस्से की अनुमानित लागत 3787 करोड़ अधिक पहुंच गई है। 12 वर्ष बाद भी 666 करोड़ रुपये ही खर्च हुए हैं। उत्तर रेलवे ने सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेललाइन के प्रथम चरण के पूरा होने का समय 2025 प्रस्तावित किया है।
- 458 किलोमीटर है प्रस्तावित रेल लाइन
- 5364 मीटर ऊंचे तांगलांग ला दर्रा से गुजरेगी रेल
- 74 सुरंगों का होगा निर्माण
- 124 बड़े पुल बनेंगे
- 396 छोटे पुलों का होगा निर्माण
रेल विकास निगम के अधीन है प्रोजेक्ट
उत्तर रेलवे का यह प्रोजेक्ट रेल विकास निगम के पास है। भानुपल्ली से दरोट तक इस लाइन पर सात पुलों और सात सुरंगों का निर्माण कार्य चल रहा है। पर्याप्त बजट प्रावधान नहीं होने के कारण रेल परियोजना में धीमी गति से कार्य हो रहा है। राज्य सरकार ने इस रेल लाइन को बैरी से मंडी और मंडी से मनाली होते हुए लेह तक पहुंचाने का प्रस्ताव भेजा है।