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आज से दो महीने तक मछली के शिकार पर प्रतिबंध, उल्‍लंघन करने पर मत्‍स्‍य विभाग करेगा यह कार्रवाई

Ban on Fishing In Himachal पौंग झील सहित अन्‍य जलाशयों में आज से मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लग गया है। दो महीने तक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध रहेगा। इस समय अवधि में कोई भी मछुआरा मछली पकड़ने के लिए जाता है तो उसे पूरी तरह से अवैध माना जाएगा

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 09:13 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 09:25 AM (IST)
आज से दो महीने तक मछली के शिकार पर प्रतिबंध, उल्‍लंघन करने पर मत्‍स्‍य विभाग करेगा यह कार्रवाई
पौंग झील सहित अन्‍य जलाशयों में आज से मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लग गया है।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Ban on Fishing In Himachal, पौंग झील सहित अन्‍य जलाशयों में आज से मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लग गया है। दो महीने तक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध रहेगा। इस समय अवधि में कोई भी मछुआरा मछली पकड़ने के लिए जाता है तो उसे पूरी तरह से अवैध माना जाएगा और अवैध शिकार के लिए उस पर सख्त कार्रवाई होगी। मछुआरे का लाइसेंस भी रद किया जा सकता है। इसके अलावा कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है। आदेश का उल्‍लंघन करना मछुआरों व अन्‍य लोगों को महंगा पड़ सकता है।

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मछली बीज डालने व प्रजनन के कारण नहीं होगा शिकार

मत्स्य विभाग के मुताबिक झील के किनारे में दो महीने के लिए विभाग कई जगहों पर अपने कैंप स्थापित करेगा। इसके अलावा मोटर बोट से भी चेकिंग की जाएगी। इन दो माह के दौरान मछली का बीज डाला जाता है। इस बंद समय में मछली प्रजनन भी करती है। इस लिए दो माह तक आखेट बंद रहेगा।

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मछुआरों की यह है परेशानी, आर्थिक मदद की लगा रहे गुहार  

मछुआरों की परेशानी यह है कि कोरोना महामारी के चलते कोविड कर्फ्यू व इससे पहले बर्ड फ्लू के कारण झील में मछुआरों का आना प्रतिबंधित किया था। ऐसे में मछुआरे कोई भी व्यवसाय नहीं कर सके, जिस कारण न तो मछली पकड़ सके और न ही बेच सके, जिस कारण मछुआरों को परेशानी से दो चार होना पड़ा है। मछुआरे अपनी तरह से सरकार से गुहार लगा चुके हैं कि जब से लॉकडाउन, कोरोना कर्फ्यू व बर्ड फ्लू के कारण झील में आखेट नहीं हुआ है उतने दिन कोई कमाई नहीं हुई है, इस लिए परिवारों के गुजर बसर के लिए मछुआरों को आर्थिक राहत दी जाए। अब कुछ दिन पहले अनलॉक हुआ है व बाजार में मछली बिकने लगी तो अब प्रतिबंध लगने से एक बार फि‍र उन्‍हें रोजी रोटी की चिंता सताने लगी है।

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