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जिला कांगड़ा में रविवार को कर्फ्यू जैसा माहौल, बाजारों में पसरा सन्‍नाटा, निजी व सरकारी बसों के पहिये भी थमे

Himachal Corona Restrictions कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों व बाजार बंद रहने के कारण रविवार को ज्यादातर बसों के पहिए थमे रहे। लगभग प्रदेशभर में कर्फ्यू जैसा माहौल रहा। रविवार को अवकाश का दिन है और प्रशासन ने बाजारों को बंद रखने की हिदायत दी है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 12:55 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 12:55 PM (IST)
जिला कांगड़ा में रविवार को कर्फ्यू जैसा माहौल, बाजारों में पसरा सन्‍नाटा, निजी व सरकारी बसों के पहिये भी थमे
कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों व बाजार बंद रहने के कारण रविवार को ज्यादातर बसों के पहिए थमे रहे।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Himachal Corona Restrictions, कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों व बाजार बंद रहने के कारण रविवार को ज्यादातर बसों के पहिए थमे रहे। लगभग प्रदेशभर में कर्फ्यू जैसा माहौल रहा। रविवार को अवकाश का दिन है और प्रशासन ने बाजारों को बंद रखने की हिदायत दी है। जिस कारण बाजारों में सन्नाटा रहा। सब्जी, दूध व फल, मोटर मैकेनिक की दुकानें व ढाबे तथा रेस्तरां खुले रहे। जिला में सरकारी व निजी बसें बहुत कम ही सड़कों पर दिखी। जिला कांगड़ा की बात करें तो यहां सात सौ निजी बसें हैं, लेकिन रविवार को कम ही बसें सड़क पर दिखी। इसी तरह से सरकारी बसें भी सवारियों के हिसाब से ही भेजी गई।

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यह बोले प्राइवेट बस आपरेटर वेलफेयर सोसोयटी के प्रधान

जिला कांगड़ा प्राइवेट बस आपरेटर वेलफेयर सोसायटी के प्रधान रवि दत्त शर्मा ने कहा कि प्रशासन ने कोरोना महामारी के कारण बढ़ते मामलों को कम करने के लिए रविवार को दुकानों को बंद किया है। जिस कारण सारे बाजार बंद हैं, जबकि लोगों की आवाजाही में कोई भी रोक नहीं हैं। लेकिन सवारियां कम होने के कारण व न होने के कारण बसों के पहिए थमे हैं।

सवारी ही नहीं तो बसें भेजने का क्‍या औचित्‍य : हैप्‍पी अवस्‍थी

जिला कांगड़ा प्राइवेट बस आपरेटर यूनियन के प्रधान हैप्पी अवस्थी ने कहा कि रविवार को जिला कांगड़ा के सभी बाजार बंद होने के कारण लोग घरों से ही नहीं निकल रहे हैं। ऐसे में सवारी ही नहीं है तो बसें भेजने का कोई औचित्य नहीं हैं। फिर भी जिन रूटों पर यात्री हैं वहां पर बसें भेजी जा रही हैं। जिला कांगड़ा इस वक्त सात सौ निजी बसें यात्रियों की सेवा के लिए उपलब्ध रहती हैं। लेकिन वर्तमान समय में आधे से भी कम बसें ही सड़क पर चली हैं।

यह बोले एचआरटीसी की डीजीएम

एचआरटीसी के डीजीएम पंकज चड्डा ने कहा कि जिन रूटों पर सवारी है वहां बसें भेजी जा रही हैं, जबकि ज्यादातर रूटों में सवारियां न के बराबर हैं। धर्मशाला में रोजाना 70 रूटों पर बसें चलती हैं। लेकिन रविवार को कम ही रूट कवर हो सके।


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