अटल टनल का दीदार नहीं खतरे से खाली, सोलंगनाला से साउथ पोर्टल तक 13 जगह हिमस्खलन का खतरा
Atal Tunnel Rohtang अटल टनल बनने से लाहुल घाटी साल भर के लिए मनाली से जुड़ गई है लेकिन राहें अभी भी आसान नहीं हैं। मनाली केलंग के बीच कई जगह हिमस्खलन का खतरा रहता है। सोलंगनाला से अटल टनल तक 13 से अधिक हिमस्खलन स्थान चिह्नित किए गए हैं।
मनाली, जागरण संवाददाता। अटल टनल बनने से लाहुल घाटी साल भर के लिए मनाली से जुड़ गई है, लेकिन राहें अभी भी आसान नहीं हैं। मनाली केलंग के बीच कई जगह हिमस्खलन का खतरा रहता है। सोलंगनाला से अटल टनल तक 13 से अधिक एवलांच यानी हिमस्खलन स्थान चिह्नित किए गए हैं। 10 साल में इन स्थानों में 600 से अधिक बार हिमस्खलन हो चुका है।
सर्दियों में टनल निर्माण जारी रखने के लिए स्ट्रॉबेग और एफकॉन कंपनी ने सात सदस्यों की रेस्क्यू टीम गठित की थी जो हिमस्खलन पर नजर रखती थी, लेकिन अटल टनल का निर्माण हो जाने का बाद अब कंपनी ने रेस्क्यू टीम हटा दी है। अटल टनल के नार्थ पोर्टल से केलंग तक भी सफर सुरक्षित नहीं है। गुफा होटल, सिस्सू, गोंदला, दालंग, आर्मी कैंप, मूलिंग पुल तांदी पुल सहित कई जगह हिमस्खलन होता है।
हिम एवं अवधाव अध्ययन संस्थान (सासे) की मानें तो 10 साल में इन स्थानों पर 600 से अधिक एवलांच आ चुके हैं। हालांकि सासे की मदद से इस खतरे से बचा जा सकता है, लेकिन उसके लिए प्रशासन को गम्भीरता दिखानी होगी और राहगीरों को भी सतर्क रहना होगा।
बीआरओ ने मनाली केलंग मार्ग सर्दियों में बहाल रखने की बात कही है लेकिन राहगीरों की राहें आसान नही होगी। एवलांच हर समय सफर को जोखिमभरा बनाए रखेगा। स्ट्रॉबेग व एफकॉन कंपनी ने रेस्क्यू टीम हटा दी है। ऐसे में अब लाहुल-स्पीति व कुल्लू प्रशासन को पूरे आधुनिक उपकरणों के साथ अपनी रेस्क्यू टीम गठित करनी होगी ताकि एवलांच से किसी की जान न जा सके।
सोलंगनाला में स्थापित होगी रेस्क्यू टीम : एसडीएम
मनाली एसडीएम रमन घरसंगी ने बताया कि हिमस्खलन के खतरे से निपटने को सोलंगनाला में रेस्क्यू टीम स्थापित जाएगी। हर साल रोहतांग के मढ़ी में रेसक्यू टीम स्थापित होती थी लेकिन अब टनल निर्माण के बाद मढ़ी में जरूरत नहीं रही है। यही टीम सोलंगनाला में स्थापित की जा रही है। बाद में टीम को धुंधी एफकॉन कांप्लेक्स में स्थापित किया जाएगा। सासे की भी मदद ली जाएगी।