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अटल टनल से सोनिया गांधी के नाम की शिलान्यास पट्टिका हटाने पर कांग्रेस ने करवाई एफआइआर, जानिए

Atal Tunnel Rohtang अटल टनल रोहतांग में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम की शिलान्याय पट्टिका हटाने का मामला तूल पकड़ गया है। पार्टी की लाहुल स्पीति इकाई ने इसको लेकर पुलिस थाना केलंग में मामला दर्ज करवाया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 05:02 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 10:34 AM (IST)
अटल टनल से सोनिया गांधी के नाम की शिलान्यास पट्टिका हटाने पर कांग्रेस ने करवाई एफआइआर, जानिए
अटल टनल से सोनिया गांधी के नाम की शिलान्याय पट्टिका हटाने के मामले में पत्रकार वार्ता करते कुलदीप राठौर।

शिमला, जागरण संवाददाता। अटल टनल रोहतांग में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम की शिलान्याय पट्टिका हटाने का मामला तूल पकड़ गया है। पार्टी की लाहुल स्पीति इकाई ने इसको लेकर पुलिस थाना केलंग में मामला दर्ज करवाया है। जिला अध्यक्ष जालछन ठाकुर की ओर से यह प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है। 15 दिनों के भीतर शिलान्यास पट्टिका दोबारा लगाने की मांग की है, साथ ही इसे हटाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। यदि सरकार ऐसा नहीं करती तो कांग्रेस पार्टी प्रदेश व्यापी आंदोलन शुरू करेगी। शिमला में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा 28 जून 2010 को कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस सुरंग के निर्माण की आधारशि‍ला रखी थी। जब इसका उद्घाटन होता है तो उस शिलान्यास पट्टिका को हटा दिया जाता है, यह अलोकतांत्रिक और अवैध कदम है। पार्टी इसे किसी भी सूरत में बर्दाशत नहीं करेगी।

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कुलदीप राठौर ने कहा इस मामले को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र भी लिखा है। पत्र में मांग की है कि जिन प्रशासनिक अधिकारियों ने इसे हटाया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। कुलदीप राठौर ने अटल टनल रोहतांग पर मुख्यमंत्री व भाजपा के नेताओं के बयानों पर खेद प्रकट किया है। उन्होंने कहा इस पर शिलान्यास करने वाली कांग्रेस को श्रेय न देकर खुद श्रेय ले रहे हैं।

कुलदीप राठौर ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार कारोना काल में किसानों के लिए काला कानून लाई है। पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए इस कानून को संसद में चर्चा किए बगैर पारित कर दिया। कांग्रेस सरकारों ने जय जवान जय किसान का नारा देते हुए किसानों के हितों के लिए काम किया। अब किसानों के हितों को दरकिनार कर उनको बर्बाद करने के कानून लाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा फसलें व मेहनत तो किसानों की होगी। लेकिन इसका फायदा बड़े उद्योगपतियों को मिलेगा। उद्योगपति फसलों को लगाने के साथ दामों को मनमर्जी से तय करेंगे। खेत में ही फसलों को खरीद लिया जाएगा। छोटी मंडियां खत्म हो जाएंगी। इसलिए कांग्रेस लगातार किसान विरोधी कानूनों का विरोध कर रही है व आगे भी इसका विरोध जारी रहेगा।


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