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हिमाचल में लेखन व फिल्म पर काम करेंगे अशोक चक्रधर

मुनीष दीक्षित बैजनाथ प्रसिद्ध कवि एवं लेखक अशोक चक्रधर आजकल हिमाचल प्रदेश के बीड़ में पहुं

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 06:22 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 06:22 PM (IST)
हिमाचल में लेखन व फिल्म पर काम करेंगे अशोक चक्रधर

मुनीष दीक्षित, बैजनाथ

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प्रसिद्ध कवि एवं लेखक अशोक चक्रधर आजकल हिमाचल प्रदेश के बीड़ में पहुंचे हैं। वह यहां बौद्ध धर्म के साथ-साथ जीवन व प्रकृति से जुड़े कई विषयों की जानकारी ले रहे हैं। बीड़ स्थित डियर पार्क इंस्टीट्यूट में स्वजनों समेत पहुंचे अशोक चक्रधर का कहना है कि हिमाचल से उनका जुड़ाव 25 साल से अधिक समय से है। शिमला के फागू में कई माह तक अकेले रहकर लेखन कार्य किया है। हिमाचल के हर जिले में गए हैं। ऐसे में मन है कि हिमाचल में किसी अच्छे विषय पर फिल्म लिखी जाए।

बीड़ में दैनिक जागरण से बातचीत में अशोक चक्रधर ने बताया कि डियर पार्क के बारे में जानकारी दामाद से मिली थी। यहां आकर काफी अच्छा लग रहा है। प्राकृतिक नजारे और डियर पार्क में काफी कुछ नया सीखने के लिए मिल रहा है। बकौल चक्रधर, आदमी जीवन में हर दिन कुछ नया सीखता है। एक हास्य कवि के रूप में प्रसिद्धि पर उनका कहना है कि जीवन में नवरस होते हैं। इनमें हंसी भी एक रस है। जो सभी रसों के अनुपात में दस फीसद है, मगर आज समाज जिस ओर बढ़ रहा है, वहां हंसी का यह अनुपात एक फीसद से भी कम रह गया है और यह उचित नहीं है। आज समाज हंसी के लिए तरस रहा है। हास्य के नाम पर कई शो चल रहे हैं पर उनमें मूल तत्व को ही बदल दिया जा रहा है। फूहड़ता हास्य नहीं हो सकती है। चक्रधर बताते हैं कि उन्हें लोग हास्य कवि कहते हैं, यह अन्याय है। उनका कहना है कि वह और क्षेत्रों में भी काम करते हैं लेकिन हास्य से दाम बढ़ जाता है, ऐसे में इस अन्याय को भी न्याय मानता हूं।

हिदी को लेकर उनका मानना है कि यह विकसित होती व फैलती हुई भाषा है। यह बहता हुआ नीर है, जिसके साथ राजनीति होती आई है। आज 54 भाषाओं के लिए आंदोलन हो रहा है, लेकिन हिदी के पक्ष में कोई आंदोलन नहीं होता है। अशोक चक्रधर का कहना है कि वह हिदी सेनानी हैं और रहेंगे, लेकिन समाज में अगर हिदी में कुछ शब्दों को घोला जा रहा है तो इसे भी स्वीकार करना होगा। बीड़ में उनके साथ पत्नी भारत बागेश्वरी चक्रधर भी हैं।

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गई दुनिया, नई दुनिया पुस्तक प्रकाशित

कोरोना काल में उनकी पुस्तक गई दुनिया, नई दुनिया प्रकाशित हुई है। अशोक चक्रधर व्यंग्य और हास्य के प्रखर कवि हैं। कोरोना काल की घोर निराशा और महामारी के इस माहौल में उन्होंने कविताओं के माध्यम से लोगों को जीने की राह सुझाई है।


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