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उपचुनाव में सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगी आर्म्‍स फोर्स की दो कंपनियां, जानिए कितने मतदान केंद्र हैं संवेदनशील

Himachal By Election धर्मशाला और पच्छाद में विधानसभा उपचुनाव में आम्र्ड फोर्स की दो कंपनियां सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगी।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 08:21 AM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 08:21 AM (IST)
उपचुनाव में सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगी आर्म्‍स फोर्स की दो कंपनियां, जानिए कितने मतदान केंद्र हैं संवेदनशील
उपचुनाव में सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगी आर्म्‍स फोर्स की दो कंपनियां, जानिए कितने मतदान केंद्र हैं संवेदनशील

धर्मशाला/शिमला, जेएनएन। धर्मशाला और पच्छाद में विधानसभा उपचुनाव में आम्र्ड फोर्स की दो कंपनियां सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगी। इसके साथ-साथ पैरामिलिट्री फोर्स के जवान भी तैनात रहेंगे। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त पुलिस जवान सुरक्षा का दायित्व देखेंगे। प्रदेश पुलिस ने गृह मंत्रालय से आम्र्ड फोर्स मांगी है। धर्मशाला हलके में 89 मतदान केंद्र हैं। इसमें 10 संवेदनशील और चार अतिसंवेदनशील हैं। पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में 113 पोलिंगग स्टेशन हैं, जिनमें 13 संवेदनशील हैं।

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एक पोलिंग स्टेशन पर कम से कम पांच पुलिस जवाब तैनात रहेंगे। अंतरराज्यीय सीमाओं पर पुलिस गश्त भी बढ़ा दी गई है। 21 अक्टूबर को सुबह आठ से सायं पांच बजे तक मतदान होगा। 24 अक्टूबर को मतगणना की जाएगी। जिला कांगड़ा और सिरमौर में आगामी 27 अक्टूबर तक आचार संहिता लागू रहेगी।

धर्मशाला में मतदाता

धर्मशाला हलके में 82 हजार 62 मतदाता हैं। इनमें 41 हजार 943 पुरुष, 40 हजार 119 महिला, 923 पुरुष सर्विस मतदाता और 54 महिला सर्विस मतदाता हैं। इसी तरह से 18 और 19 वर्षीय मतदाता 2108 हैं, जिसमें 1147 पुरुष और 961 महिला मतदाता शामिल हैं।

पच्छाद में मतदाता

पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में 74 हजार 452 मतदाता हैं। इनमें 38 हजार 283 पुरुष और 36 हजार 169 महिला हैं। सर्विस मतदाताओं में 566 पुरुष और 10 महिला मतदाता शामिल हैं। यहां 18 और 19 वर्षीय मतदाताओं की संख्या 3135 हैं, जिनमें 1590 पुरुष और 1535 महिला मतदाता हैं।

उपचुनाव करवाने के लिए पुलिस ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। प्रदेश पुलिस, आम्र्ड फोर्स सहित पैरामिलिट्री फोर्स के जवान सुरक्षा के लिए उपलब्ध रहेंगे। इसके साथ-साथ अंतरराज्यीय सीमाओं पर गश्त भी बढ़ा दी गई है। -श्याम भगत नेगी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर।


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