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किन्‍नौर के सांगला में बाढ़ आने से बह गए सेब बगीचे, आठ बागवानों को भारी नुकसान

Kinnaur Flood News जिला किन्नौर की सांगला तहसील के तहत खरोगला नाले में मंगलवार देर रात बाढ़ आ गई। इससे जानी नुकसान नहीं हुआ है लेकिन जलस्तर बढऩे से नाले के आसपास सेब बगीचों को काफी नुकसान पहुंचा है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 09:13 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 09:13 AM (IST)
किन्‍नौर के सांगला में बाढ़ आने से बह गए सेब बगीचे, आठ बागवानों को भारी नुकसान
जिला किन्नौर की सांगला तहसील के तहत खरोगला नाले में मंगलवार देर रात बाढ़ आ गई।

रिकांगपिओ, संवाद सहयोगी। Kinnaur Flood News, जिला किन्नौर की सांगला तहसील के तहत खरोगला नाले में मंगलवार देर रात बाढ़ आ गई। इससे जानी नुकसान नहीं हुआ है लेकिन जलस्तर बढऩे से नाले के आसपास सेब बगीचों को काफी नुकसान पहुंचा है। राजस्व विभाग के अधिकारी नुकसान का आकलन करने के लिए मौके पर रवाना हुए। बुधवार सुबह जलस्तर कम हो गया। लेकिन फिर भी लोगों में भय का माहौल है। प्रशासन ने पर्यटकों व लोगों से नदी-नालों के समीप न जाने की अपील की है। खरोगला नाले में हर वर्ष जुलाई व अगस्त में बाढ़ आने से सेब के बगीचों को नुकसान होता है। इससे बागवानों को नुकसान उठाना पड़ता है। पिछले वर्ष नाले में बाढ़ आने से करीब दो हेक्टेयर भूमि व सेब के बगीचों को नुकसान पहुंचा था।

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तहसीलदार सांगला जयचंद धीमान ने बताया कि नाले में जलस्तर बढऩे से करीब आठ बागवानों के सेब के बगीचों को नुकसान पहुंचा है। इससे करीब पांच लाख का नुकसान आंका गया है। उन्होंने बताया कि नाले में हर वर्ष बाढ़ आने के कारण क्षेत्र के बागवानों को इसके आसपास बगीचे न बनाने की हिदायत दी गई थी लेकिन फिर भी बना दिए। इस कारण बगीचों को नुकसान पहुंचा है।

मलिंग नाले के समीप भूस्खलन से एनएच 505 अवरुद्ध

रिकांगपिओ। किन्नौर जिले के मलिंग नाले के समीप मंगलवार रात भूस्खलन होने से एनएच-505 अवरुद्ध हो गया है। इससे मार्ग के दोनों ओर गाडिय़ों की लंबी कतारें लग गई हैैं। बीआरओ की टीम सड़क बहाल करने में युद्धस्तर पर जुटी है लेकिन बार-बार भूस्खलन होने से काम करने में दिक्कत हो रही है। बुधवार सुबह 10 बजे के करीब बीआरओ की टीम ने मार्ग बहाल किया था लेकिन आधे घंटे बाद फिर भूस्खलन होने के कारण बड़ी-बड़ी चट्टानें गिरने से मार्ग फिर बंद हो गया है। इससे स्थानीय व बाहरी क्षेत्रों से काजा घूमने आए लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मलिंग व नाको के लोगों का कहना है कि पहले भूस्खलन कम होता था लेकिन कुछ दिनों से मलिंग नाले में भूस्खलन के बाद चट्टानें व मलबा गिरने का सिलसिला जारी है। बीआरओ की टीम जान जोखिम में डालकर मार्ग को बहाल करने में जुटी हुई है।


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