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सिरमौर के अजय उड़ान से नापेंगे आसमान,एयरफोर्स में बने पायलट

Indian Air Force Pilot Ajay लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। यह पंक्तियां अजय पर सटीक बैठती है जिनकी बीते 11 वर्षों की मेहनत आखिर रंग लाई है और अब सफलता की उड़ान से आसमान नापेगा ।

By Virender KumarEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 04:59 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 04:59 PM (IST)
सिरमौर के अजय उड़ान से नापेंगे आसमान,एयरफोर्स में बने पायलट
सिरमौर के अजय एयरफोर्स में पायलट बने। जागरण

राजगढ़, पवन तोमर।

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Indian Air Force Pilot Ajay, लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। हरिवंशराय बच्चन की यह पंक्तियां अजय पर सटीक बैठती है जिनकी बीते 11 वर्षों की मेहनत आखिर रंग लाई है और अब ग्रामीण परिवेश का एक बेटा सफलता की उड़ान से आसमान नापेगा ।

पुलबहाल के गांव शिल्ली निवासी अजय थंडाइक ने पायलट बनने के लिए हाल ही में अनिवार्य कंप्यूटरीकृत पायलट चयन प्रणाली (सीपीएसएस) परीक्षा को उत्तीर्ण कर लिया है। इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने का जीवन में केवल एक ही मौका मिलता है। अजय के पिता रमेश थंडाइक शिक्षा विभाग में हैं और माता रीना गृहणी हैं। अजय की इस सफलता से समूचे क्षेत्र में प्रसन्नता का माहौल है और अजय के घर बधाई देने वालों का तांता लग रहा है ।

अजय की प्रारंभिक शिक्षा सोलन के बीएल स्कूल से हुई है। वर्दी पहनने के शौक से अजय ने सैनिक स्कूल सुजानपुर के लिए टेस्ट दिया गया, जिसमें सफलता हासिल करने के उपरांत इन्‍होंने मेडिकल विषय में 12वीं की परीक्षा सैनिक स्कूल सुजानपुर से पास की। हालांकि अजय ने 12वीं कक्षा के बाद एनडीए की परीक्षा भी पास की थी, लेकिन अंतिम चयन नहीं हो सका था। अजय ने मेडिकल टेस्ट को भी सफलतापूर्वक पास किया। यह टेस्ट इंस्टीट्यूट एयरोस्पेस बेंगलुरु में हुआ। तत्पश्चात अजय का चयन पायलट ब्रांच के लिए हुए।

अजय ने बताया कि जुलाई में एयरफोर्स अकादमी हैदराबाद में ट्रेनिंग शुरू होगी। कंप्यूटरीकृत पायलट चयन प्रणाली ने पायलट एप्टीट्यूड बैटरी टेस्ट की जगह ली है। इसका उद्देश्य भारतीय वायु सेना में पायलट त्रुटि के कारण उड़ान दुर्घटनाओं की आशंका को शून्य करना भी है। उड़ान कौशल के अलावा, भविष्य के पायलट को सिस्टम मैनेजर के रूप में कार्य करने की आवश्यकता होती है, जो विमान प्रणालियों के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करता है। नए साइकोमोटर और संज्ञानात्मक परीक्षण हैं। यह परीक्षण व्यापक रूप से सैन्य पायलटों के लिए आवश्यक गुणों का मूल्यांकन करती हैं, जैसे कि साइकोमोटर कौशल, सूचना, प्रसंस्करण कौशल (गति और सटीकता), समन्वय, विजुअलाइजेशन और समय-साझाकरण।

नई चयन प्रणाली भारतीय वायुसेना की उड़ान शाखा में चयन के लिए उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग करते समय उनके मनोदैहिक कौशल और संज्ञानात्मक क्षमताओं पर विशेष जोर देती है। कंप्यूटरीकृत पायलट चयन प्रणाली उम्मीदवारों के सामने आने वाली कठिनाई की डिग्री में परिणामों में निष्पक्षता और एकरूपता सुनिश्चित करती है। अजय ने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है ।


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