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कोविड व लाकडाउन के दौरान गंभीर रोग से ग्रस्‍त मरीजों को हुए प्रभाव पर शोध करेगा एम्‍स बिलासपुर, पढ़ें खबर

AIIMS Bilaspur अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) कोठीपुरा बिलासपुर में अब अनुसंधान कार्यों को गति मिलने लगी है। अब एम्स बिलासपुर में कोरोना बीमारी के कारण देश में लगाए गए लाकडाउन से गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के पडऩे वाले प्रभाव को लेकर एक अनुसंधान किया जा रहा है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 07:11 AM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 08:09 AM (IST)
कोविड व लाकडाउन के दौरान गंभीर रोग से ग्रस्‍त मरीजों को हुए प्रभाव पर शोध करेगा एम्‍स बिलासपुर, पढ़ें खबर
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) कोठीपुरा बिलासपुर में अब अनुसंधान कार्यों को गति मिलने लगी है।

बिलासपुर, सुनील शर्मा। AIIMS Bilaspur, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) कोठीपुरा बिलासपुर में अब अनुसंधान कार्यों को गति मिलने लगी है। सीरो सर्वे के बाद अब एम्स बिलासपुर में कोरोना बीमारी के कारण देश में लगाए गए लाकडाउन से गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के पडऩे वाले प्रभाव को लेकर एक अनुसंधान किया जा रहा है। इस अनुसंधान में पता लगाया जाएगा कि किस तरह ऐसे मरीजों ने इस बुरे समय में अपना बचाव सुनिश्चित किया और किस तरह के बदलाव उनकी बीमारियों में देखने को मिले हैं। इस सर्वे के साथ-साथ ही एक स्टडी यह भी की जाएगी कि किस तरह से वह भविष्य के लिए इस तरह की चुनौतियों के लिए तैयार रह सकेंगे।

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एम्स दिल्ली देश के 12 संस्थानों के साथ मिलकर कर रही स्टडी

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दिल्ली एम्स को यह प्रोजेक्ट अनुसंधान के लिए सौंपा है। दिल्ली एम्स ने देश के अलग अलग राज्यों में स्थापित एम्स व अन्य मेडिकल संस्थानों को रीजनल पार्टनर बनाते हुए इस प्रोजेक्ट को पूरे देश भर में शुरू किया है। एम्स बिलासपुर की ओर से हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर और शिमला में इस पर अनुसंधान कार्य करेगा। एम्स बिलासपुर इस रिपोर्ट को दिल्ली एम्स प्रबंधन को सौंपेगा और उसके बाद राष्ट्र स्तर की यह रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय के पास पहुंचेगी।

डायबिटीज व हाइपरटेंशन पर फोकस

एम्स बिलासपुर की नोडल अधिकारी के मुताबिक यह अनुसंधान प्रोजेक्ट एनसीडी सर्विसिज यानी नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज सर्विसिज डयूरिंग कोविड 19 के लिए चलाया गया है। इस अनुसंधान में कई प्रकार की केस स्टडी की जाएंगी। दो जिलों के अधिकतर उन मरीजों से बात की जाएंगी जो इन दो बीमारियों से ग्रसित थे और संक्रमित भी हुए। ऐसी परिस्थितियों में उन्होंने खुद को कैसे संभाला, ऐसे क्या घरेलू इलाज या व्यायाम किए जिससे उन्होंने जीवन का संतुलन बनाए रखा।

क्‍या कहते हैं अधिकारी

नोडल अफसर व कम्यूनिटी एंड फैमिली मेडिसन विभाग डाक्‍टर मीनल ठाकरे का कहना है अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) कोठीपुरा बिलासपुर को दिल्ली एम्स की तरफ से एनसीडी सर्विसिज पर आधारित एक अनुसंधान का प्रोजेक्ट सौंपा गया है। यह प्रोजेक्ट डायबिटीज व हाइपरटेंशन बीमारियों पर आधारित होगा। प्रदेश के शिमला व बिलासपुर जिला के मरीजों पर यह स्टडी की जाएगी। उन लोगों से बातचीत की जाएगी और उस आधार पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जिला बिलासपुर में यह सर्वे हो चुका है और अब शिमला जिला में इस सर्वे पर काम किया जा रहा है।


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