रात्रि कर्फ्यू लगने के बाद होटल व्यवसायियों के चेहरे पर फिर से चिंता की लकीरें, पर्यटकों की संख्या में भारी कमी
Night Curfew Effects कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर सरकार द्वारा की गई सख्ती व रात्रि कर्फ्यू का असर सीधे पर्यटन व्यवसाय पर पड़ा है। वीकेंड में जहां शक्तिपीठ श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती थी वहीं अब इक्का दुका ही श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
कांगड़ा, जेएनएन। कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर सरकार द्वारा की गई सख्ती व रात्रि कर्फ्यू का असर सीधे पर्यटन व्यवसाय पर पड़ा है। वीकेंड में जहां शक्तिपीठ श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती थी, वहीं अब इक्का दुका ही श्रद्धालु मां के दरबार में पहुंच रहे हैं। होटल व्यवसायी पर्यटकों की राह देख रहे हैं। लेकिन कोरोना के डर ने पर्यटकों की राह बाधित कर दी है, जिससे पिछले एक सप्ताह से कांगड़ा का पर्यटन व्यवसाय मंदी की मार झेल रहा है। होटल व्यवसायियों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा रही हैं।
दीपावली के बाद पर्यटकों का आवाजाही बढ़ने से पर्यटन व्यवसाय में तेजी आई थी। लेकिन सरकार द्वारा लगाए गए रात्रि कर्फ्यू से पर्यटकों की आवाजाही लगभग पूर्णतया बंद हो गई है, जिससे होटल व्यवसायी फिर से मंदी की मार झेलने को मजबूर हो गए हैं। शक्तिपीठ माता श्री बज्रेश्वरी देवी की पावन धरती कांगड़ा में पर्यटन व्यवसाय का कारोबार कोरोना से बहुत प्रभावित हुआ है।
शक्तिपीठ के मंदिरों के खुलने के बावजूद अन्य प्रदेशों से आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है जो कि शरदकालीन नवरात्रों में भी देखने काे मिला है। रात्रि कर्फ्यू से पर्यटन कारोबार पूरा ठप कर दिया है। कांगड़ा में होटल व्यवसाय से जुड़े कारोबारी सरकार की ओर से कोई सहायता न मिलने से खिन्न हैं। वही सरकार द्वारा बिजली के बिल में डिमांड चार्ज को माफ करने की घोषणा पूरा न होने से भी खफा हैं।
होटल कारोबारियों का कहना है लॉकडाउन के बाद होटल कारोबार जब खुले तो भारी भरकम बिजली बिल सामने था, जिस पर भी सरकार से कोई मदद नहीं मिली। जिन होटल व्यवसायियों ने लोन लेकर व्यवसाय खड़े किए हैं, अब उनको बैंक वाले किश्त भरने के लिए दिन-रात फोन कर रहे हैं। यही हालत रहे तो आगे होटल व्यवसाय चलाना कठिन हो जाएगा। होटल कोरोबारी सरकार की नीति से खफा हैं।