बागवानों से धोखाधड़ी के बाद आधी अधूरी रिकवरी देने वाले आढ़ती नहीं कर पाएंगे हिमाचल में कारोबार
Himachal Apple Farmers अगले महीने हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन आरंभ होगा। बागवानों के पैसों के साथ लूट करने वाले आढ़ती कारोबार नहीं कर पाएंगे। जिन भी आरोपितों ने प्रभावितों को पैसे की आधी-अधूरी रिकवरी दी है उन्हें आगाह किया गया है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Apple Farmers, अगले महीने हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन आरंभ होगा। बागवानों के पैसों के साथ लूट करने वाले आढ़ती कारोबार नहीं कर पाएंगे। जिन भी आरोपितों ने प्रभावितों को पैसे की आधी-अधूरी रिकवरी दी है, उन्हें आगाह किया गया है। जब तक वे पूरी रिकवरी नहीं करते तब तक जांच में भी उलझेंगे ही, कारोबार करने की भी अनुमति नहीं होगी। अब उम्मीद जताई जा रही है कि सीआइडी की इस रणनीति से आरोपित और पैसा जमा करवाएंगे। अभी भी करोड़ों की रिकवरी होनी है। कोरोना कर्फ्यू के बढ़ने के कारण एसआइटी की टीमें अन्य राज्यों में नहीं जा पा रही हैं। कई मामलों में तो न कारोबारियों ने आढ़तियों को भी चूना लगाया है।
कितनी हुई गिरफ़्तारी
दो साल में 30 से अधिक आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं। अभी 44 मामलों की जांच चल रही है, जबकि इसमें रिकॉर्ड 107 एफआइआर दर्ज हैं। अधिकांश मामले कोर्ट में चल रहे हैं। इनकी चार्जशीट कोर्ट में दायर हो चुकी है। अब तक18 करोड से अधिक की रिकवरी हुई है अभी और भी रिकवरी की जा रही है। आरोपित महाराष्ट्र, उत्तर, हरियाणा, पंजाब दिल्ली, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश के हैं।
कहां के हैं कारोबारी
कारोबारी बिहार, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक के रहने वाले हैं। आरोप है कि इन्होंने 2016 से हिमाचल में कारोबार किया। आढ़तियों को हर साल सेब खरीद की किस्तों में अदायगी करने के झांसे दे रहे हैं। लेकिन करोड़ों रुपये नहीं चुकाए हैं।
क्या है मामला
बागवानों ने करोड़ों की लूट का मामला सबसे पहले यह मामला दैनिक जागरण ने उठाया था। किसान संघर्ष समिति ने बागवानों के हितों की आवाज बुलंद की थी। इसके बाद डीजीपी ने एसआइटी गठित की थी। तब डीजीपी एसआर मरडी थे, उन्होंने तत्कालीन एएसपी वीरेंद्र कालिया को मुखिया बनाया था। बाद में कालिया पदोन्नत होकर एसपी बन गए। अभी भी एसआइटी के अध्यक्ष वही हैं। उनकी अगुवाई में एसआइटी ने कई अहम सफलता हासिल की। उनकी टीम के सदस्यों ने कई राज्यों से ऐसे आरोपितों को पकड़ा, जो लंबे समय से फरार चल रहे थे।