Move to Jagran APP

इस साल विकास पर खर्च होंगे 3233 करोड़ अधिक

हिमाचल प्रदेश में इस साल विकास पर 3233 करोड़ अधिक खर्च होंगे। राज्य सरकार के प्रभावी वित्तीय प्रबंधन और संसाधन आवंटन के फलस्वरूप वार्षिक योजना 2022-23 के लिए 12638 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। मौजूदा वित्त वर्ष में वार्षिक योजना का आकार 9405 करोड़ है।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 10:05 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 10:05 PM (IST)
इस साल विकास पर खर्च होंगे 3233 करोड़ अधिक
पीटरहाफ में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर दो दिवसीय विधायक प्राथमिकता बैठक के पहले दिन विधायकों को संबोधित करते हुए। जागरण

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश में इस साल विकास पर 3233 करोड़ अधिक खर्च होंगे। राज्य सरकार के प्रभावी वित्तीय प्रबंधन और संसाधन आवंटन के फलस्वरूप वार्षिक योजना 2022-23 के लिए 12,638 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। मौजूदा वित्त वर्ष में वार्षिक योजना का आकार 9405 करोड़ है।

loksabha election banner

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला स्थित राज्य अतिथिगृह पीटरहाफ में सोमवार को विधायक प्राथमिकता बैठक के पहले दिन सोलन, मंडी व बिलासपुर जिले के विधायकों के साथ बजट 2022-23 की प्राथमिकताओं के लिए बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने चार साल में समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण और राज्य का समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं। प्रदेश के 8.23 लाख घरों को नल से जल की सुविधा प्रदान की गई है। इस वर्ष के मध्य तक सभी घरों को यह सुविधा देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव सैजल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री राङ्क्षजद्र गर्ग और राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश चंद धवाला ने भी सुझाव दिए। जल शक्ति मंत्री महेंद्र ठाकुर ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत जुलाई, 2022 तक प्रदेश के हर घर को नल से जल उपलब्ध करवाया जाएगा।

कांग्रेस सरकार में 779, भाजपा सरकार ने दी 825 प्राथमिकताएं

राज्य में पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में नाबार्ड के माध्यम से 3200.34 करोड़ की कुल 779 विधायक प्राथमिकता योजनाओं को स्वीकृति मिली, जबकि वर्तमान भाजपा सरकार के चार साल के कार्यकाल के दौरान 3347.20 करोड़ की 825 विधायक प्राथमिकता योजनाओं को स्वीकृति मिली।

नाबार्ड डीपीआर के लिए बजट प्रविधान

नाबार्ड के तहत सभी डीपीआर में पहली अप्रैल, 2021 से मरम्मत और रखरखाव के लिए बजट का प्रविधान किया गया है। 2021-22 के लिए विधायक प्राथमिक योजनाओं के तहत नाबार्ड ने अब तक 965.41 करोड़ रुपये की 186 परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की है। वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान नाबार्ड ने मंजूर 965.41 करोड़ की परियोजनाओं में से सड़कों और पुल निर्माण परियोजनाओं के लिए 465.05 करोड़ रुपये और सूक्ष्म सिंचाई और पेयजल योजनाओं के लिए 500.36 करोड़ रुपये स्वीकृत किए है। कांग्रेस सरकार ने पहले चार वर्षों (2013-14 से 2016-17) के लिए 18,500 करोड़ की कुल वार्षिक योजना खर्च का प्रविधान रखा था। इसकी तुलना में वर्तमान प्रदेश सरकार ने पहले चार वर्षों 2018-19 से 2021-22 के लिए 34,474 करोड़ का प्रविधान रखा है।

पहले थे 50 वेंटीलेटर, अब 1014 हुए

सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य ढांचे की मजबूती को प्राथमिकता दी है। दो वर्ष पहले राज्य में केवल 50 वेंटीलेटर थे जो अब 1014 हो गए हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत 4.26 लाख परिवारों का पंजीकरण किया गया है और 1.20 लाख लोगों को 145 करोड़ रुपये का निश्शुल्क उपचार दिया गया। मुख्यमंत्री हिम केयर योजना के तहत 5.13 लाख परिवारों को पंजीकृत किया है और 2.20 लाख परिवारों को 200 करोड़ का आर्थिक लाभ प्रदान किया गया। केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना और राज्य सरकार की गृहिणी सुविधा योजना के तहत प्रदेश के 4.69 लाख परिवारों को निश्शुल्क गैस कनैक्शन उपलब्ध करवाने पर 141.71 लाख खर्च किए गए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.