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बारिश व ओलावृष्टि से 25 करोड़ का नुकसान

दो दिन पहले बारिश और तूफान के कारण बागवानी विभाग का 27 लाख 50 हजार रुपये का नुकसान हुआ है। विभाग को जिले में 25 करोड़ का नुकसान हो चुका है। सबसे अधिक मार सेब की फसल पर पड़ी है। 30 से 40 प्रतिशत फसल होने की ही उम्मीद है।

By Vijay BhushanEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 08:40 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 08:40 PM (IST)
बारिश व ओलावृष्टि से 25 करोड़ का नुकसान
करसोग में ओलावृष्टि से ग्रे सेब। जागरण आर्काइव

मंडी, जागरण संवाददाता। दो दिन पहले बारिश और तूफान के कारण बागवानी विभाग का 27 लाख 50 हजार रुपये का नुकसान हुआ है। अब तक विभाग को जिले में 25 करोड़ का नुकसान हो चुका है। सबसे अधिक मार सेब की फसल पर पड़ी है। 30 से 40 प्रतिशत फसल होने की ही उम्मीद है।

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मार्च माह में सूखे के कारण नमी न मिलने से दिक्कत हुई। अप्रैल माह से बारिश और तूफान ने मेहनत पर पानी फेरा। अप्रैल माह में ही तीन से चार करोड़ रुपये तक की नुकसान की रिपोर्ट सरकार को भेजी गई। मई में भी डेढ़ करोड़ की चपत लगी। किसानों-बागवानों ने सरकार से फसलों को हुए नुकसान के मुआवजे की मांग की है।

इसी तरह अन्य फसलों आम, आडू, प्लम, खुमानी आदि का नुकसान 25 करोड़ को छू गया है। दो दिन पहले सेब की लगभग 60 से 70 प्रतिशत फसल प्रभावित हुई है। जहां एंटी हेलनेट नहीं थे, वहां पर सेब को ओलों की अधिक मार पड़ी है। जिला में सेब सराज, करसोग, द्रंग, चौहारघाटी, सुंदरनगर के ऊपरी क्षेत्रों में 16848 हेक्टेयर में होता है। अकेले 900 हेक्टेयर सराज हलके के पांच खंडों बालीचौकी, गाढ़ागुशैणी, थुनाग, छतरी, में होता है। इसी तरह आम की फसल भी गिरने से 50 प्रतिशत तक प्रभावित हुई है।

50 हजार मीट्रिक का इस बार लक्ष्य

इस बार सेब की फसल का 50 हजार मीट्रिक का लक्ष्य रखा गया है। अकेले सराज से ही 300 से 400 मीट्रिक का टारगेट था। जिला में सेब 16848 हेक्टेयर, आम 5000 हेक्टेयर, प्लम 2800 हेक्टेयर, लीची 650 हेक्टेयर, आडू 800 हेक्टेयर, अमरूद 750 आडू हेक्टेयर में होता है।

मार्च माह में सूखे के कारण और अब बारिश, तूफान व ओलावृष्टि से बागवानी फसलों को नुकसान हुआ है। दो दिन पहले हुए तूफान से 25.5 लाख का नुकसान आंका गया है। अब तक 25 करोड़ का नुकसान हो चुका है।

-अशोक कुमार, उपनिदेशक बागवानी विभाग मंडी


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