शिक्षक बनने की बजाय चुना स्वरोजगार, 24 साल के आतिश ने बनाई कंपनी, अखबार बांटकर पूरी की पढ़ाई
Self Employment शाहपुर के तहत पड़ने करेरी गांव के 24 वर्षीय युवा आतिश कपूर की घर की आर्थिकी अच्छी नहीं थी लेकिन कुछ करने व घर के हालात सुधारने की लग्न थी। वहीं पढ़ने का भी जुनून था। छोटे छोटे कामों से शुरुआत करते हुए पढ़ाई भी जारी रखी।
धर्मशाला, मुनीष गारिया। घर की आर्थिकी अच्छी नहीं थी, लेकिन कुछ करने व घर के हालात सुधारने की लग्न थी। वहीं पढ़ने का भी जुनून था। छोटे छोटे कामों से शुरुआत करते हुए पढ़ाई भी जारी रखी। पढ़ाई के साथ ही जब नौकरी के लिए पात्र हो गए तो एक दिन जहन में आया कि पढ़ाई करके अब नौकरी की तो सिर्फ अपना ही भला होगा, समाज के लिए अपने आसपास के लोगों के लिए क्या कर पाउंगा। इसी सोच के साथ ट्रैकिंग कंपनी शुरू की और मात्र तीन से चार साल में ही कंपनी को इतना कामयाब बना लिया है कि आज और लोगों को भी रोजगार देने के लायक बन गया है।
बात हो रही है विधानसभा क्षेत्र शाहपुर के तहत पड़ने करेरी गांव के 24 वर्षीय युवा आतिश कपूर की। पर्यावरण विज्ञान में स्नातकोत्तर व राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण आतिश हिल हाइक्स एडवेंचर टूअर एंड ट्रेवल कंपनी के मालिक हैं। आज उनकी इस कंपनी के 15 लोग काम कर रहे हैं व अपना घर चला रहे हैं। इस युवा ने अपनी सोच के दम से सफल काम करते हुए युवाओं को भी यह संदेश दिया कि पढ़ाई सिर्फ नौकरी के लिए ही नहीं, बल्कि आगे बढ़ने के लिए भी उपयोगी है। आतिश की युवा टीम पर्यटकों एवं ट्रैकर्स को हिमाचल के सभी ट्रैकिंग स्थलों का भ्रमण करवाती है।
अखबार बांटने से शुरू किया संघर्ष
करेरी में रहकर साइड बिजनेस करने के अवसर नहीं थे तो आतिश वहां से मैक्लोडगंज आ गया। यहां उसने अखबारें बांटने का काम शुरू कर दिया। सुबह 8-9 बजे तक अखबारें बांटने के बाद कॉलेज जाता था। अब जब आतिश ने अपना स्थायी काम शुरू कर दिया है तो भी अखबारें बांटने का काम बंद नहीं किया है। अब आतिश ने क्षेत्र के युवाओं को इस काम में लगाकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है।
अध्यापन कार्य के लिए पात्र होने के बावजूद चुनी अपनी राह
आतिश ने धर्मशाला महाविद्यालय से बीएससी बाॅयोटेक करने के बाद हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय ने एमएससी पर्यावरण विज्ञान की डिग्री हासिल की है। एमएससी करते हुए ही आतिश ने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) पास कर लिया है। नेट पास करने के बाद आतिश चाहता तो अध्यापन कार्य कर सकता था, लेकिन स्वरोजगार की राह चुनी।
इन क्षेत्रों में करवाते हैं ट्रैकिंग
करेरी झील, ग्रुप ऑफ सेवन लेक हिमाचल, त्रियुंड, इंद्रहार पास, ठठारना, हिमानी चामुंडा, खीरगंगा, तोस पास, कुगती पास, मणिमहेश आदि स्थानों में आतिश की टीम ट्रैकिंग करवाती है।
आतिश के टीम मेंबर
रवि कुमार माउंटनियर इंस्पेक्टर, अश्वनी कुमार, प्रवीन, राहुल कुमार, सचिन, प्रवीण कुमार, रमेश कुमार स्थायी सदस्य हैं। इसके अलावा ट्रैकिंग ग्रुप आने पर पांच से छह अतिरिक्त लोगों को बुलाया जाता है।