प्रदेश में ब्लैक फंगस के अब तक 21 मामले, चार दिन से नया केस नहीं आया
हिमाचल प्रदेश में पिछले चार दिन से (15 जून के बाद) ब्लैक फंगस का कोई नया मामला नहीं आया है। यह मामला सोलन जिले में आया था। प्रदेश में अब तक 21 लोग ब्लैक फंगस से पीडि़त हुए हैैं। आइजीएमसी शिमला में अब भी आठ मरीज उपचाराधीन हैं।
शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश में पिछले चार दिन से (15 जून के बाद) ब्लैक फंगस का कोई नया मामला नहीं आया है। यह मामला सोलन जिले में आया था। प्रदेश में अब तक 21 लोग ब्लैक फंगस से पीडि़त हुए हैैं। आइजीएमसी शिमला में अब भी आठ मरीज उपचाराधीन हैं जबकि टांडा में चार मरीज उपचाराधीन हैं। एक मरीज को स्वस्थ होने के बाद छुट्टी दे दी गई है। आइजीएमसी व मेडिकल कालेज टांडा में चार-चार मरीजों की मौत हो चुकी है।
सबसे अधिक कांगड़ा में नौ, हमीरपुर में छह, सोलन में तीन, शिमला में दो और मंडी में एक मामला पाया गया है। इसका उपचार पूरी तरह से संभव है। इसके लिए आवश्यक है कि समय पर उपचार करवाया जाए।
रहें सतर्क
जिन लक्षणों के बारे में सतर्क रहने की आवश्यकता है उनमें सिरदर्द, नाक में लगातार रुकावट बनी रहना, दवाओं का कोई असर नहीं होना, नाक का बहना, दर्द या चेहरे पर सनसनी, दांतों का ढीला होना, तालू का अल्सर और साइनोसाइटिस में ब्लैक नेक्रोटिक एस्चर आदि शामिल हैं। ब्लैक फंगस रोग आंखों को भी प्रभावित करता है, जिसके परिणामस्वरूप आंखों में सूजन और लाली, दोहरा दिखाई देना, नजर कमजोर होना, आंखों में दर्द आदि हो सकता है। लोगों को इन लक्षणों के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसा दिखने पर तुरंत डाक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
आइजीएमसी में 12 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। चार मरीजों को स्वस्थ होने के बाद छ्ट्टी दी जा रही है। अब तक आइजीएमसी में चार की मौत हुई है।
-डा. जगदीप ठाकुर नोडल अधिकारी, आइजीएमसी शिमला।
मेडिकल कालेज टांडा में ब्लैक फंगस के चार मरीजों की मौत हुई है और चार का उपचार चल रहा है। नया कोई मामला नहीं आया है, यह राहत है।
-डा. सुशील शर्मा, चिकित्सक अधीक्षक डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा।