Move to Jagran APP

ग्रामीण स्तर पर दे रहे खेलों को बढ़ावा

ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देना पहली प्राथमिकता है। गांवों से खिलाड़ी तैयार करना

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 05:40 PM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 05:40 PM (IST)
ग्रामीण स्तर पर दे रहे खेलों को बढ़ावा

ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देना पहली प्राथमिकता है। गांवों से खिलाड़ी तैयार करना अहम है। युवाओं को हर खेल का ज्ञान हो सके, इसको लेकर स्कूलों में भी शारीरिक शिक्षा को अनिवार्य विषय के रूप में शामिल करना अहम है। हर छोटे से बड़े खेल मैदान को खिलाड़ियों के लिए बेहतर बनाने के प्रयास जारी हैं। खिलाड़ियों को हर बेहतर सुविधा मिले तो वह अपने देश से लेकर प्रदेश व जिला स्तर पर नाम रोशन करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। यह बात जिला युवा सेवाएं एवं खेल अधिकारी हमीरपुर शिव शंकर ने रणवीर सिंह से साझा की। पेश हैं साक्षात्कार के मुख्य अंश-

loksabha election banner

-खेलों को बढ़ावा देने के लिए कितने प्रयास किए जा रहे हैं?

ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी प्रतिभाओं को निखारने के लिए ग्रामीण स्तर पर खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। गांव के युवाओं का ध्यान खेलों की ओर प्रेरित करना और उन्हें प्रशिक्षण देकर तैयार करना बड़ी चुनौती के समान है।

-खेलों से हटकर युवाओं का ध्यान नशे की ओर जा रहा है, क्या कहेंगे?

आज के युवा को नशे से दूर रखने का एकमात्र जरिया खेल ही है। गांवों में छोटे-छोटे मैदानों को तैयार कर युवाओं का ध्यान खेलों की ओर करना प्राथमिकता है।

-आप स्वयं शारीरिक शिक्षा शिक्षक से खेल अधिकारी के पद तक पहुंचे हैं। क्या कहना है?

मैंने स्वयं शारीरिक शिक्षा शिक्षक से सेवाएं शुरू की हैं। स्कूलों में शारीरिक शिक्षा शिक्षक की अहम भूमिका रहती है। हर स्कूल में एक शारीरिक शिक्षा शिक्षक जरूरी है। शारीरिक शिक्षा शिक्षा से ही छात्र का शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास होता है। इससे छात्र का भविष्य बेहतर बनता है और खेलों को बढ़ावा मिलता है।

-गांवों में खेल मैदानों की कमी महसूस हो रही है?

सरकार के सहयोग से प्रयास किया जा रहा है कि अच्छे खेल मैदान तैयार हो सकें। विधायक निधि से छोटे मैदान के लिए 14 लाख व बड़े मैदान के लिए 24 लाख रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों के खेल मैदानों को सुंदर तरीके से तैयार किया जा सके।

-स्कूलों में शारीरिक शिक्षा शिक्षकों की कमी खल रही तो फिर कोच भी कम ही हैं?

स्कूली बच्चे को पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक शारीरिक शिक्षा का ज्ञान बहुत जरूरी है। हर विषय व खेल का कोच होना बहुत जरूरी है, ताकि अधिक से अधिक खिलाड़ी तैयार किए जा सकें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.