छठी बार महिला के हाथ होगी टिक्करी मिन्हासां पंचायत की कमान
दीनानाथ शास्त्री जाहू टिक्करी मिन्हासां पंचायत के दस बार चुनाव में पांच बार महिला व पांच बा
दीनानाथ शास्त्री, जाहू
टिक्करी मिन्हासां पंचायत के दस बार चुनाव में पांच बार महिला व पांच बार पुरुष प्रधानों का शासन रहा है। इसमें पूर्व प्रधान कमला कौंडल व उनके पति अनंत राम कौंडल सहित तीन बार प्रधान की कुर्सी एक ही परिवार में रही है। लेकिन पंचायत के 11वें चुनाव में प्रधान पद अन्य पिछड़ा वर्ग महिला वर्ग के लिए आरक्षित होने पर पांच महिला उम्मीदवार मैदान में हैं।
1975 से 1990 तक तीन बार लगातार सरवण प्रधान रहे हैं। जबकि 1990 से 1995 तक कांग्रेस नेत्री स्वर्गीय कमला कौंडल प्रधान रहीं। इसके बाद 1995 के चुनावो में सुरेशा धीमान ने कमला कौंडल को पराजित करके 2000 तक प्रधान पद कब्जा किया लेकिन 2000 के चुनाव में अपनी हार का बदला लेकर दोबारा दूसरी प्रधान पद जीत लिया और 22 जनवरी 2006 तक प्रधान रहीं। इसके बाद 2006 के चुनाव में निर्मला देवी प्रधान चुनी गई और 22 जनवरी 2011 तक रही। इसी तरह 2011 के चुनाव में कमला कौंडल के पति अनंत राम 2016 तक प्रधान चुने गए। 2016 में प्रधान पद महिला के लिए ओपन होने पर रेखा ठाकुर प्रधान चुनी गई।
इस बार के चुनाव में टिक्करी गुराहला व लदेहड़ा वार्ड को लुद्दर महादेव पंचायत में मिला दिया गया है। इससे टिक्करी मिन्हासां पंचायत के पांच वार्ड रह गए हैं। पंचातय में करीब 1500 मतदाता हैं। इनमें महिला मतदाता पुरुषों से अधिक हैं। टिक्करी मिन्हासां पंचायत के चुनाव में हर बार भी खतरवाड़ गांव प्रत्याशियों की हार-जीत में निर्णायक भूमिका अदा करता है।
प्रधान पद के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिये अरक्षित होने पर इस बार के चुनाव में चार उम्मीदवार अंजू बाला, निर्मला देवी, किरना कुमारी, एकता कुमारी खरतरवाड़ वार्ड नंबर एक से हैं जबकि पांचवीं उम्मीदवार किरण अत्री खतरवाड़ वार्ड दो निवासी हैं।
-------------
उपप्रधान पद के लिए पांच उम्मीदवार
दो बार टिक्करी मिन्हासां पंचायत में उपप्रधान रह चुके पवन कुमार तीसरी बार भी चुनावी मैदान में हैं। इसी तरह दलीप सिंह, रणवीर सिंह, राजीव कुमार, सुनील कुमार भी उपप्रधान पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।
----------
पंचायत में क्या है समस्या
टिक्करी मिन्हासां पंचायत में पीने के पानी की समस्या और खतरवाड़ व पिदड़ता गांव के कुछ हिस्से में बंदरों की समस्या से ग्रामीण परेशान है। ग्रामीण प्रधान पद के उम्मीदवारों से विकास करवाने के नाम व समस्यों को हल करवाने के वादे पर वोट देने का भरोसा दे रहे हैं।