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बेसहारा पशुओं के डर से छोड़ी खेतीबाड़ी, पशुचारे का संकट

जिला हमीरपुर में बेसहारा पशुओं की मौजूदगी से कुछ इलाकों में किस

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 06:48 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 06:48 PM (IST)
बेसहारा पशुओं के डर से छोड़ी खेतीबाड़ी, पशुचारे का संकट
बेसहारा पशुओं के डर से छोड़ी खेतीबाड़ी, पशुचारे का संकट

दीनानाथ शास्त्री, जाहू

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जिला हमीरपुर में बेसहारा पशुओं की मौजूदगी से कुछ इलाकों में किसानों ने खेतीबाड़ी छोड़ दी है। स्थिति यह है कि 500 कनाल भूमि बंजर हो गई। खेतों में घुसकर फसलों को चट करने से किसानों के समक्ष पशुचारे की समस्या पैदा हो गई है। जिला का भोरंज उपमंडल इससे प्रभावित है।

भोरंज उपमंडल की एक दर्जन पंचायतों की करीब 30 हजार आबादी करीब आठ साल से बेसहारा पशुओं की समस्या से जूझ रही है। किसान व पंचायत प्रतिनिधि, मंत्रियों व प्रशासनिक अधिकारियों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन अभी तक इसका हल निकलता नजर नहीं आ रहा है।

उपमंडल की जाहू, मुंडखर, भकेहड़ा, कडोहता, भलवानी, बाहन्वी, बडैहर, धमरोल, धिरड़, बधानी, कोट लांगसा, चंबोह, कक्कड़, भुक्कड आदि पंचायतों में कई किसानों ने खेती करनी छोड़ दी है। लोग अनाज के लिए डिपुओं व बाजार पर आश्रित हो गए हैं। पंजाब से तूड़ी खरीद कर किसान पशुओं को पाल रहे हैं। बड़सर व नादौन की पंचायतों के किसानों का भी हाल है।

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किसान बेसहारा पशुओं की समस्या से बेहद परेशान हैं। बार-बार हो रहे नुकसान से किसानों ने खेतीबाड़ी करना छोड़ रहे हैं। सरकार से गुहार के बाद भी समस्या का हल नहीं निकला है। इसका नुकसान सबसे अधिक किसान वर्ग को हो रहा है।

-अतुल कड़ोहता, पूर्व जिला परिषद सदस्य खरवाड़ वार्ड।

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जाहू तीन जिलों का संगम स्थल होने से चारों ओर से लोग रात के समय पशुओं को बेसहारा छोड़ रहे हैं। जाहू पंचायत में किसानों ने खेतीबाड़ी करना छोड़ दी है। मुंडखर पुल से लेकर जाहू के पुल तक सुनैहल खड्ड के किनारे उपजाऊ भूमि बंजर हो गई है।

सोनवीर, जाहू निवासी

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किसान बेसहारा पशुओं से परेशान हैं। ये पशु लोगों की जान के दुश्मन भी बने हुए हैं। मुंडखर पंचायत के अधिकांश किसानों ने अपने स्तर पर कंटीली तार से बाड़बदी कर दी है। इसके बावजूद फसल को काफी नुकसान हो रहा है।

रवि कुमार, मुंडखर निवासी।

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देहरा-हटवाड़ पंचायत की भूमि काफी उपजाऊ है। सीर खड्ड में साल भर पानी रहता है। यहां बेसहारा पशु डटे रहते हैं और रात होते ही खेतों में घुसकर तबाही मचाते हैं। इससे गेंहू की फसल सुरक्षित नहीं है।

बलदेव सिह, किसान देहरा-हटवाड़

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बेसहारा पशुओं की बढ़ती तादाद किसानों की परेशानी बढ़ा रही है। सरकार को कृषि व पशुपालन नीति को नए सिरे से बनाना होगा तथा पशुओं को बेसहारा छोड़ने वालों के लिए खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान करना चाहिए।

-विजय कुमार,हटवाड़ निवासी।


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