समग्र प्रोग्रेस कार्ड का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो
संवाद सहयोगी बड़सर नई शिक्षा नीति में अब बच्चों को रिपोर्ट कार्ड नहीं मिलेंगे उसकी जगह
संवाद सहयोगी, बड़सर : नई शिक्षा नीति में अब बच्चों को रिपोर्ट कार्ड नहीं मिलेंगे, उसकी जगह उन्हें प्रोग्रेस कार्ड दिए जाएंगे। 360 डिग्री समग्र प्रोग्रेस कार्ड के साथ मूल्यांकन सुधार, लर्निग आउटकम प्राप्त करने के लिए छात्र प्रगति पर नजर रखना आदि भी इसमें शामिल किया गया।
स्कूलों में अब बच्चों के प्रदर्शन को तीन स्तर पर परखा जाएगा। अब बच्चों के प्रोग्रेस कार्ड बनेंगे। बच्चों का तीन स्तर पर आकलन किया जाएगा। इसमें पहले छात्र खुद आकलन करेगा, फिर सहपाठी व अभिभावक और तीसरा उसका शिक्षक आकलन करेगा। इसके तहत हर कक्षा में जीवन कौशल परखने पर जोर होगा, ताकि जब बच्चा जमा दो कक्षा से निकलेगा तो उसके पास पूरा पोर्टफोलियो होगा। इसके अलावा पारदर्शी एवं आनलाइन शिक्षा को आगे बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है। हर कक्षा में बच्चों का एक पोर्टफोलियो तैयार किया जाएगा और जिस बच्चे के पास जिस तरह की प्रतिभा या गुण हैं, उसका उल्लेख किया जाएगा। इस नई शिक्षा नीति के इस प्रविधान के पायलट प्रोजेक्ट को केंद्र की तर्ज पर सूबे के कुछ स्कूलों में शुरू किया जाए। यह मांग राजकीय टीजीटी कला संघ प्रदेश महासचिव विजय हीर ने प्रदेश शिक्षा विभाग से की है। अब बच्चों के रिपोर्ट कार्ड में जीवन कौशल को जोड़ा जाएगा। जैसे की आपने अगर स्कूल में कुछ रोजगारपरक सीखा है तो इसे आपके रिपोर्ट कार्ड में जगह मिलेगी, जिससे बच्चों में लाइफ स्किल्स का भी विकास हो सकेगा। अभी तक बच्चों के रिपोर्ट कार्ड में ऐसा कोई प्रविधान नहीं था। व्यवसायिक शिक्षा के साथ इंटर्नशिप का प्रविधान किया है, ताकि जमा दो के बाद जब बच्चा स्कूल से निकले तो पूरी तरह से कौशल संपन्न हो। बच्चों के लिए नेशनल असस्मेट सेंटर परख बनाया जाएगा जो बच्चों के सीखने की क्षमता का समय-समय पर परीक्षण करेगा, जिसमें दक्षताएं, पोर्टफोलियो, रुब्रिक्स, मानकीकृत मूल्यांकन डिजाइन शामिल होंगे।