विकास को प्रमुखता देने वाला हो पंचायत प्रतिनिधि
संवाद सहयोगी भोरंज पंचायतीराज संस्थानों के चुनाव का बिगुल बजने के बाद लोगों में पंचायत प्रति
संवाद सहयोगी, भोरंज : पंचायतीराज संस्थानों के चुनाव का बिगुल बजने के बाद लोगों में पंचायत प्रतिनिधि, जिला परिषद सदस्य, ब्लॉक समिति सदस्य, पंचायत प्रधान, उपप्रधान व पंच चुनने के लिए चर्चाएं शुरू हो गई हैं। लोगों का कहना है कि पंचायतीराज के नियमों को समझने व ग्रामीण विकास को प्रमुखता देने वाला शिक्षित व ईमानदार प्रत्याशी होगा तो वही उनकी पहली पंसद होगी। इस मुद्दे पर क्षेत्र के कुछ लोगों से बातचीत की गई।
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जनता पढ़े-लिखे प्रत्याशी को आगे लाना चाहती है। अशिक्षित लोग पांच साल तक ग्रामीण क्षेत्र का विकास नहीं करवा सकते। लोगों को ईमानदार और स्वच्छ छवि वाले उम्मीदवार के पक्ष में ही अपना मतदान करना चाहिए। इसके लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है।
- तिलक शर्मा, लदरौर।
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चुनाव पांच साल के बाद आते हैं, ऐसे में मतदाताओं को सोच-समझ कर शिक्षित व्यक्ति को मतदान करना चाहिए। कम पढ़ा लिखा व्यक्ति पंचायतीराज के अधिनियमों को नहीं समझ सकता। शिक्षित उम्मीदवार के जीतने से लोगों को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिल सकता है।
-पिंकी बरोटा।
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ग्रामीण विकास सबसे अहम है। लाखों रुपये पंचायतों के विकास के लिए आ रहे हैं। इससे पंचायत प्रतिनिधियों की जबावदेही बढ़ी है। शिक्षित प्रत्याशी को ही जितवाना चाहिए ताकि लोगों की समस्याओं का चर्चा के माध्यम से पूरा कर सकें। प्रत्याशी ऐसा होना चाहिए जिसके पास समय व सेवाभाव की भावना भी हो।
-अनिल कुमार, खरवाड़।
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मतदान एक पर्व है चाहे पंचायतों का हो या फिर विधानसभा व लोकसभा का हो। पंचायत के चुनाव विकास की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण है क्यों चुना हुआ प्रतिनिधि ही सरकार की योजनाओं को धरातल पर पहुंचाता है। ऐसे में पढ़ा-लिखा और ईमानदार प्रत्याशी ही कामयाब हो सकता है। केवल मानदेय लेने वाले प्रत्याशी नहीं चुनने चाहिए।
-डा. पीसी सैनी, भरेड़ी।