कड़ोहता में चौथी बार बनेगी महिला प्रधान
स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय भगत राम कड़ोहता पंचायत के पहले प्रधान बने थ
दीना नाथ शास्त्री, जाहू
स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय भगत राम कड़ोहता पंचायत के पहले प्रधान बने थे। अच्छे कार्यों की बदौलत वह दो बार प्रधान बने। गलवन घाटी में चीन की सेना से मुठभेड़ में शहीद हुए अंकुश ठाकुर भी कड़ोहता पंचायत के निवासी थे।
उपमंडल भोरंज की कड़ोहता पंचायत में सात बार पुरुष व तीन बार महिला प्रधान बनीं। स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय लाला भगत राम 1962 से 1972 तक सरपंच चुने गए। उस समय उन्होंने जमली के केदारनाथ को पराजित किया था। 1976 में सुरेश कुमार दूसरे व 1981 में बाबू सुंदर सिंह तीसरे प्रधान चुने गए। 1986 में स्वतंत्रता सेनानी लाल भगत राम फिर प्रधान चुने गए। 1996 के पंचायत चुनाव में पहली बार प्रधान पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित होने से मीरां भाटिया पहली बार महिला प्रधान बनी थी। 2001 के चुनाव में पवनेंद्र ठाकुर प्रधान बने। इस दौरान तत्कालीन उपप्रधान कुलवंत सिंह ने 10 जनवरी 2004 से 22 जनवरी 2006 तक कार्यवाहक प्रधान के रूप में कार्य किया। 2006 के पंचायत चुनाव में दूसरी बार प्रधान पद महिला अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुआ और संतोष धीमान प्रधान चुनी गई। 2011 में प्रधान पद अनारक्षित होने से वीर सिर रणौत प्रधान चुने गए। 2016 के चुनाव में तीसरी बार प्रधान पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित होने से संतोष धीमान कड़ोहता पंचायत की तीसरी महिला प्रधान चुनी गई। इस बार भी प्रधान पद महिला के लिए आरक्षित है। निवर्तमान प्रधान संतोष धीमान ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। कठियावीं की अंजना देवी, कड़ोह की बनीता देवी, टांड़ा की संध्या वर्मा व सुषमा देवी, भेबल की सुमना कुमारी व खरवाड़ वार्ड की निवर्तमान जिला परिषद सदस्य अनीता देवी प्रधान पद के लिए चुनाव मैदान में उतरी हैं।
उपप्रधान पद के लिए सात उम्मीदवार
कड़ोहता पंचायत में उपप्रधान पद के लिए सात उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र भरकर दावेदारी जताई है। इनमें निवर्तमान उपप्रधान विरेंद्र डोगरा, पूर्व उपप्रधान कुलवंत सिंह, अशोक कुमार, विनोद कुमार, राम चंद, प्रदीप कुमार व हरमिदर सिंह शामिल है।
पंचायत की समस्याएं
कड़ोहता पंचायत में सबसे अधिक पेयजल की समस्या है। इसके अलावा सुनैहल खड्ड में खनन व बेसहारा पशुओं के आतंक से लोग परेशान हैं। सभी उम्मीदवार मतदाताओं को चुनाव जीतने के बाद समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दे रहे हैं।