गांधी चौक व जुखाला में गरजे जेबीटी प्रशिक्षु
जेबीटी प्रशिक्षुओं ने सोमवार को हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में गांधी चौक हमीरपुर व जुखाला में प्रदर्शन किया।
जागरण टीम, हमीरपुर/बिलासपुर : जेबीटी प्रशिक्षुओं ने सोमवार को हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में गांधी चौक पर प्रदर्शन किया। इसके बाद उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। प्रशिक्षुओं का कहना है कि हाईकोर्ट ने बीएड अभ्यर्थियों को भी जेबीटी अध्यापक के लिए पात्र घोषित किया है। इससे उन्हें काफी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि जेबीटी प्रशिक्षुओं को ही बच्चों को पढ़ाने की शिक्षा दी जाती है। बीएड प्रशिक्षुओं को भी इसके लिए पात्र करना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है। बीएड के अभ्यर्थियों की बैचवाइज व कमीशन के माध्यम से भी स्कूलों में भर्ती हो रही है। इससे जेबीटी प्रशिक्षुओं को भर्ती में मौका नहीं मिलेगा।
जेबीटी प्रशिक्षु विवेक शर्मा, रमन पटियाल, अभिषेक, शीतल, अनिल, यामिनी, विनय, साहिल, गौरव ने कहा कि जेबीटी करने के लिए लाखों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। जेबीटी अध्यापक के लिए बीएड के अभ्यर्थी भी पात्र होंगे तो उन्हें नुकसान होगा। उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि जेबीटी के पदों के लिए उन्हें ही पात्र घोषित किया जाए। जेबीटी यूनियन के जिलाध्यक्ष अभिषेक सोनी ने कहा कि जेबीटी अध्यापक के पदों के लिए जेबीटी डिप्लोमा धारक प्रशिक्षु ही पात्र हों। हाईकोर्ट का फैसला जेबीटी प्रशिक्षुओं के हक में नहीं है। उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि जेबीटी प्रशिक्षुओं की मांग को पूरा किया जाए। अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। जेबीटी अध्यापक पदों के लिए जेबीटी प्रशिक्षुओं को ही नौकरी में मौका दिया जाए।
उधर, डाईट जुखाला में जेबीटी का प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं ने सोमवार को रोष प्रदर्शन किया और रैली निकाली। प्रशिक्षुओं ने कक्षाओं का बहिष्कार किया और अंतिम परीक्षाओं का भी करने का निर्णय लिया। जेबीटी प्रशिक्षु धनंजय, साहिल शर्मा, अतुल ठाकुर, ईशान शर्मा, नीरज शर्मा, पुलकित ठाकुर ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले से उन्हें नुकसान होगा। का विरोध किया। धनंजय ने कहा कि उनकी मांग नहीं नहीं मानी गई तो प्रदेश के सभी जेबीटी प्रशिक्षु कक्षाओं व परीक्षाओं का बहिष्कार करेंगे। हाई कोर्ट ने फैसला दिया है कि पहली से पांचवीं कक्षा तक अब बीएड धारक भी पढ़ा सकेंगे। जेबीटी का बैच वर्ष 2012-13 व बीएड का वर्ष 1998-99 का चला हुआ है। भर्तियां होती हैं तो जेबीटी के बजाय बीएड धारकों को प्राथमिकता दी जाएगी। इससे जेबीटी प्रशिक्षु नियुक्ति से वंचित रह जाएंगे। हाई कोर्ट के फैसले से करीब 35 हजार प्रशिक्षु बेरोजगार हो जाएंगे। बीएड धारकों को पहली से पांचवी कक्षा तक पढ़ाने का अधिकार दिया जा रहा है तो जेबीटी का प्रशिक्षण करवाकर प्रशिक्षुओं के भविष्य से खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश को छोडकर अन्य कई राज्यों में जेबीटी धारक केस जीते हैं। सरकार व हाई कोर्ट को उनके भविष्य को देखते हुए फैसला लेना चाहिए।