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सैनिकों की शहादत पर हर कोई आहत

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों द्वारा हमारे शूरवीर सैनिकों पर किए गए कायराना हमले को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं होती रही। लंबे समय से देश के इस राज्य में इस तरह की दर्दनाक घटनाओं को हमारा पड़ोसी देश

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 08:55 PM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 08:55 PM (IST)
सैनिकों की शहादत पर हर कोई आहत
सैनिकों की शहादत पर हर कोई आहत

संवाद सहयोगी, गलोड़ : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों द्वारा हमारे शूरवीर सैनिकों पर किएहमले को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं होती रही। लंबे समय से देश के इस राज्य में इस तरह की दर्दनाक घटनाओं को पाकिस्तान बड़े पर प्रायोजित तरीके से करवा रहा है। इस तरह के हमलों में शहीद हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाले देशों को भी स्पष्ट संदेश दिया है कि वे घिनौनी मानसिकता को अंजाम देने वालों को कुचलने तक चुप नहीं बैठेंगे। दैनिक जागरण ने आतंकी हमले पर पूर्व सैनिकों व लोगों से बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:

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खुद फौज में रहे हैं और इस घटना से उन्हें भी आघात पहुंचा है। अब सरकार को पाकिस्तान पर हमला कर देना चाहिए यह सुधरने वाले नहीं हैं। यदि सेना उन्हें दोबारा बुलाती है तो वह सरहद पर जाकर फौज के साथ मिल कर लड़ाई को जाने के लिए तैयार हैं।

-होशियार सिंह गौतम, पूर्व सैनिक

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आए दिन सैनिक मर रहे हैं। सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उनका सारा परिवार सेना से संबंध रखता है। सरकार को तुरंत घटना को अंजाम देने वालों पर ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है। घटना सभी को आहत करने वाली है।

-कैप्टन कमलेश चंद्र शर्मा

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आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता हमें अब आर-पार की लड़ाई लड़नी होगी। मोदी ने इन पर शिकंजा कसा है। अब यह बौखला गए हैं। देश के अंदर भी कुछ देशद्रोही ताकते हैं जो ऐसे लोगों को सहयोग कर रही हैं उन्हें भी पहचानने की जरूरत है।

-ओंकार चंद शर्मा

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देश की तरह सख्ती से पेश आना होगा और देश के सभी लोगों को एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी। देश के नेता ही सरहद पर जाकर दुश्मन देशों के नेताओं से चुपचाप बंद कमरों में बैठकर बातचीत करते हैं तो आतंकवाद कैसे खत्म होगा।

-त्रिलोकनाथ गर्ग, सेवानिवृत्त अधिकारी

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मानवाधिकार आयोग जो आए दिन फौज पर मानवाधिकार के उल्लंघन की बातें करता है आज वह कहां है। निहत्थे फौजियों पर यह कायराना हमला हुआ और फौज के वीर सैनिक शहीद हो गए। जम्मू कश्मीर पर फौज को आतंकवाद से निपटने की खुली छूट मिलनी चाहिए।

-लक्की चौधरी

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आतंकवाद पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। देश के कुछ राजनेता पिछले कल से इस पर राजनीति करने लग पड़े हैं जो ठीक नहीं है। इस समय देश के हर नागरिक को सरकार के साथ खड़ा हो जाना चाहिए। सरकार सोई हुई नहीं है। सरकार अपने स्तर पर कड़ी कार्रवाई करेगी उन्हें भरोसा है।

-ध्रुव सिंह राणा, पूर्व सैन्य अधिकारी


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