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नेशनल एचीवमेंट सर्वे के लिए बनाएं योजना

नेशनल एचीवमेंट सर्वे 2021 की तैयारियों के लिए प्रदेश समग्र शिक्षा विभाग योजना बनाए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 10:00 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 10:00 PM (IST)
नेशनल एचीवमेंट सर्वे के लिए बनाएं योजना
नेशनल एचीवमेंट सर्वे के लिए बनाएं योजना

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : नेशनल एचीवमेंट सर्वे 2021 की तैयारियों के लिए प्रदेश समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) आवश्यक योजना का निर्माण करे। यह मांग हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित कला स्नातक संघ हमीरपुर के अध्यक्ष विजय हीर ने एसएसए निदेशक से की है।

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हीर ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण इस बार यह सर्वेक्षण अक्टूबर 2020 की बजाय अगले वर्ष के मध्य में होगा। इस सर्वेक्षण में तीसरी, पांचवीं, आठवीं और दसवीं कक्षा में प्रदर्शन का बहुत महत्व होता है। अगले साल होने वाले इस सर्वेक्षण से ही प्रदेश की शैक्षणिक उपलब्धि की गुणवत्ता आंकी जाएगी। इसके अनुसार ही प्रदेश शिक्षा विभाग को एसएसए ग्रांट मिलेगी। सत्र 2018-19 में हिमाचल प्रदेश को 627 करोड़ 34 लाख रुपये की अनुदान राशि समग्र शिक्षा अभियान के लिए मिली थी। नेशनल एचीवमेंट सर्वे में तीसरी, पांचवीं, आठवीं और दसवीं कक्षा के प्रदर्शन के अनुसार कुल ग्रांट का 30 फीसद यानि करीब 188 करोड़ 20 लाख रुपये मिले थे। हर कक्षा के लिए 7.5 फीसद की दर से चार कक्षाओं का अनुदान मिलता है। प्रदेश समग्र शिक्षा अभियान को इस सत्र में करीब 750 करोड़ रुपये मिलने हैं। इसमें से करीब 122 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। उस सर्वेक्षण में हिमाचल की स्थिति औसत थी। अब विद्यार्थियों के प्रदर्शन को बेहतर बनाना बड़ी चुनौती है।

हीर ने कहा कि मुख्याध्यापकों का अलग काडर होने पर 10 फीसद ग्रांट मिलती है मगर इनकी पदोन्नति सूचियों में विलंब होने से शिक्षकों व शिक्षा विभाग दोनों का नुकसान हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में न्यूनतम कार्यकाल तय करने वाली तबादला नीति के लिए 10 फीसद, शाला सिद्धि के तहत स्कूलों को जोड़ने की संख्या अनुसार 10 फीसद, सेकेंडरी स्कूलों में विषयवार शिक्षक के शिक्षक विद्यार्थी अनुपात अनुसार 10 फीसद अनुदान देय होता है। इसमें से प्राप्त अनुदान का न्यूनतम 20 फीसद भाग गुणात्मक शिक्षा व अच्छे शिक्षक प्रशिक्षण के लिए खर्च करना अनिवार्य है।

---------- सहन नहीं होगी कर्मचारियों के वेतन की कटौती

संवाद सहयोगी, महारल : प्रदेश राजकीय कला स्नातक संघ हमीरपुर के अध्यक्ष विजय हीर ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग के नाम पर कर्मचारियों के वेतन पर कैंची चलाने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। कर्मचारियों के वेतन की कटौती सहन नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने ग्रेड पे घटाने की अधिसूचना जारी की है। जेबीटी और हेड टीचर की ग्रेड पे 3000 रुपये, केंद्रीय मुख्य शिक्षक व समकक्ष शिक्षकों की ग्रेड पे 3600 रुपये और प्रवक्ता, व्यावसायिक प्रवक्ता व खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी की ग्रेड पे 4200 रुपये है। आर्ट क्राफ्ट शिक्षकों की ग्रेड पे 3200 रुपये, डिप्टी डायरेक्टर की ग्रेड पे 6000 रुपये तय की है। इससे हर कर्मचारी को प्रति वर्ष न्यूनतम 20 हजार रुपये से लेकर 40 हजार रुपये तक का नुकसान होगा। इससे उन्हें अब तक मिलने वाले हजारों रुपये के बकाया एरियर नहीं मिलेंगे। लाखों रुपये की रिकवरी हर कर्मचारी से करने के नाम पर वर्ष 2016 से 2020 का पांच साल का एरियर शून्य हो जाएगा। पंजाब सरकार के इस कदम को प्रदेश के कर्मचारी स्वीकार नहीं करेंगे। हिमाचल प्रदेश सरकार इस निर्णय को यहां लागू करने पर विचार न करे। यह निर्णय लागू करने का प्रयास किया गया तो कर्मचारी विरोध करेंगे।


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