प्रत्याशी असमंजस में, किस का लें समर्थन
भोरंज विधानसभा क्षेत्र में जाहू खरवाड़ धिरड़ व भोरंज से जिला परिषद स
संवाद सहयोगी, भोरंज : भोरंज विधानसभा क्षेत्र में जाहू, खरवाड़, धिरड़ व भोरंज से जिला परिषद सदस्य चुना जाता है। कांग्रेस पार्टी ने भाजपा को कांटे की टक्कर देने के लिए सभी प्रत्याशियों को अपने समर्थित उम्मीदवार घोषित करके जंग के मैदान में उतार दिया है, लेकिन अभी तक कोई भी कांग्रेस नेता खुले मन से उनके समर्थन में प्रचार नहीं कर रहा है। कांग्रेस ने जाहू जिला परिषद सदस्य सीट पर निर्वतमान धमरोल पंचायत ब्लॉक समिति सदस्य राज कुमारी, खरवाड़ वार्ड से पूर्व झरलोग पंचायत प्रधान सावित्री देवी, भोरंज से स्वतंत्र भारद्वाज व धिरड़ वार्ड से निर्वतमान जिला परिषद सदस्य संगीता शर्मा के पति संजीव शर्मा को मैदान में उतारा है। सभी प्रत्याशी अपने-अपने स्तर पर प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं तथा स्वच्छ छवि व ईमानदारी के बल पर विकास कराने के मुद्दे पर समर्थन मांग रहे हैं।
भोरंज विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी लंबे समय से एक अनार सौ बीमार वाली कहावत की स्थिति में है। भोरंज विधानसभा क्षेत्र में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता प्रेम कौशल, पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी डा. रमेश डोगरा व सुरेश कुमार लंबे समय से वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसे में जिला परिषद के सदस्यों के सामने मुश्किल यह है कि किस का समर्थन लें और किस का नहीं। प्रेम कौशल का हर पंचायत में अपना अलग कुनबा है, जबकि डा. रमेश डोगरा लगातार फील्ड में रह कर लोगों को जोड़ने में लगे हुए हैं। धिरड़ वार्ड की तो अधिकांश पंचायतों में उनकी पकड़ है। सुरेश कुमार पुराने कार्यकत्र्ताओं के सहारे कांग्रेस को मजबूत करने का दम भर रहे हैं। सभी कांग्रेस नेता कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों से अपने-अपने स्तर पर मिलकर समर्थन की दुहाई दे रहे हैं। ऐसे में किस-किस नेता से वोट के लिए फील्ड में समर्थन लें, इससे प्रत्याशी असमंजस में हैं। 2015 के चुनावों में भोरंज विधानसभा क्षेत्र से धमरोल वार्ड, जिसका नाम अब जाहू है, से अंकुश सैनी, समीरपुर वार्ड, जिसका नाम अब धिरड़ है, से संगीता शर्मा जीते थे। खरवाड़ वार्ड पर भाजपा की अनीता ठाकुर व भोरंज वार्ड से आजाद प्रत्याशी के रूप में पवन चंदेल जीते थे, लेकिन इस बार कांग्रेस और भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। भाजपा उम्मीदवार स्थानीय विधायक कमलेश कुमारी के दम पर चुनावी मैदान में कूदे हैं जबकि कांग्रेस समर्थित अपने स्तर पर फील्ड में हैं।