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बड़सर में अस्पतालों का दर्जा बढ़ा सुविधाएं नहीं

संजय गोस्वामी बड़सर प्रदेश मे सरकार चाहे भाजपा की रही हो या कांग्रेस की लेकिन बड़सर

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 07:17 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 07:17 PM (IST)
बड़सर में अस्पतालों का दर्जा बढ़ा सुविधाएं नहीं
बड़सर में अस्पतालों का दर्जा बढ़ा सुविधाएं नहीं

संजय गोस्वामी, बड़सर

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प्रदेश मे सरकार चाहे भाजपा की रही हो या कांग्रेस की, लेकिन बड़सर उपमंडल में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार नहीं हो पाया है। गत विधानसभा चुनावों से कुछ समय पहले कांग्रेस सरकार की ओर से जिला हमीरपुर के बड़सर अस्पताल को सिविल अस्पताल व बिझड़ी पीएचसी को सीएचसी का दर्जा दिए जाने की घोषणा की गई थी, लेकिन यह घोषणा मात्र चुनावी घोषणा साबित हुई है। भाजपा सरकार के तीन वर्षो के कार्यकाल में भी स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार नहीं हो पाया है। इससे पहले भाजपा सरकार में बड़सर अस्पताल को रेफरल यूनिट का दर्जा दिया गया था, लेकिन तब भी यहां सुविधाएं प्राथमिक स्तर की भी नहीं थी। अब सिविल अस्पताल का दर्जा कर दिया गया, लेकिन दुर्भाग्य यह है कि राजनीतिक हित साधने के लिए बड़सर अस्पताल का दर्जा तो बढ़ा दिया गया, लेकिन बड़सर को मॉडल विधानसभा क्षेत्र बनाने की हुंकार भरने वाले नेताओं द्वारा अस्पताल में हो रही असुविधाओं से मुंह मोड़ लिया। बड़सर में स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी जनता के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है।

भले ही सिविल अस्पताल बड़सर में चिकित्सकों के छह पद हैं, लेकिन अस्पताल में गायनी व हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं होने से मरीज जांच व उपचार के लिए क्षेत्रीय अस्पताल ऊना व हमीरपुर जाने को मजबूर हैं। सिविल अस्पताल बड़सर में गायनी, शिशु, हड्डी तथा मेडिसन विशेषज्ञ होना जरूरी है। बड़सर में मरीजों की तादाद लगातार बढ़ रही है, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी लगातार बनी हुई है। उपमंडल की लगभग 48 पंचायतों के लोग इसी अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ के लिए यहां आते हैं। लेकिन सुविधाएं न मिलने से मरीजों को या तो निजी क्लीनिकों व अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। इसके अलावा सिविल अस्पताल बड़सर में रेडियोलॉजिस्ट न होने से अल्ट्रासाउंड की सुविधा मरीजों को नहीं मिल रही है। वहीं अस्पताल में लैब तकनीशियन का एक पद खाली है।

बिझड़ी पीएचसी को जुलाई 2017 में किया गया था स्तरोन्नत

बिझड़ी पीएचसी को सीएचसी का दर्जा दिए जाने की घोषणा मात्र चुनावी घोषणा साबित हुई है। बिझड़ी में चिकित्सकों की कमी व सुविधाओं का अभाव लगातार जनता के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। कहने को तो ढटवाल क्षेत्र के लोगों के लिए बिझड़ी में पीएचसी को स्तरोन्नत कर सीएचसी किया गया है। परंतु इस सीएचसी के नाम पर मिले डाक्टरों को यहां की बजाय दूसरे स्थानों पर भेजा जा रहा है। जानकारी के अनुसार बिझड़ी पीएचसी को जुलाई 2017 में स्तरोन्नत कर सीएचसी बनाया गया था। अस्पताल में चिकित्सक के पांच पद, फार्मासिस्ट का एक पद और क्लर्क का एक पद तथा चतुर्थ श्रेणी के दो पद स्वीकृत हुए हैं। एक डेंटल डॉक्टर तथा डेंटल टेक्नीशियन यहां पर कार्यरत था। इन पदों को भरना तो दूर वर्तमान में अस्पताल में चिकित्सक के दो पद, दंत चिकित्सक का एक पद, लैब तकनीशियन का एक पद, फीमेल हेल्थ वर्कर, स्वीपर के जो पद रिक्त चल रहे हैं उन्हें भी नहीं भरा गया है। स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर हो रही समस्या को उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाया जा चुका है। व्यवस्था को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

डाक्टर नरेश कुमार, बीएमओ बड़सर


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