पर्वतों पर पड़ा जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
संवाद सहयोगी, भोरंज : अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस के उपलक्ष्य में सोमवार को राजकीय महाविद्यालय भोरंज की
संवाद सहयोगी, भोरंज : अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस के उपलक्ष्य में सोमवार को राजकीय महाविद्यालय भोरंज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने कार्यक्रम का आयोजन किया। इस साल यह दिवस पर्वत दबाव में जलवायु, भूख, प्रवास थीम के अंतर्गत समूचे विश्व में मनाया जा रहा है। भोरंज महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित स्वयंसेवियों को दिवस के महत्व, आवश्यकता और प्रभाव के विषय की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मनोज डोगरा ने बताया कि 2003 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पर्वतों में सतत विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से दिवस स्थापित किया गया था। उन्होने कहा कि पर्वतों से मनुष्य को अनेको प्राकृतिक संसाधन प्राप्त होते हैं। दुनियाभर के अधिकतर लोग जल के लिए नदियों पर आश्रित हैं और नदियां पर्वतों से ही निकली हैं। पर्यटन गतिविधियों का पर्वतों की जलवायु पर प्रभाव पड़ा है।
पर्यटकों द्वारा टनों के हिसाब से कचरा पर्वतों पर पहुंचाया रहा है। जलवायु परिवर्तन और औद्योगिकीकरण का प्रभाव पर्वतों पर भी पड़ा है। ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। पर्वतीय वनस्पति और जीव जंतुओं की कुछ प्रजातियां संकट में हैं। इन कारणों से इस दिवस को मनाकर लोगों को जागरूक किया जा सकता है। इस अवसर पर रविंद्र, दीक्षित, विशाल, निशांत चौहान, अंजली, नेहा, सोनल, दीपिका, मनीष व अन्य मौजूद रहे।