उभरते विश्वविद्यालय में रिसर्च में गुणवत्ता सराहनीय
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के भौतिक एवं खगोल विज्ञान विभाग द्वारा नए पदार्थो को शक्तिशाली कंप्यूटरों पर मॉडल करने की आधुनिक तकनीकों के प्रयोग एवं अध्ययन पर एक कार्यशाला का आयोजन 20 जनवरी तक होगा। कार्यशाला में देश भर के विभिन्न संस्थानों से लगभग तीन दर्जन प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। कार्यशाला में प्रतिभागियों को नई तकनीकों की कार्यप्रणाली के साथ अभ्यास सत्र भी रखे गए हैं। इसके लिए इस विषय के विशेषज्ञ बुलाए गए हैं। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय के भौतिक एवं खगोल विज्ञान विभाग ने नए पदार्थो को शक्तिशाली कंप्यूटरों पर मॉडल तैयार करने की आधुनिक तकनीकों के प्रयोग एवं अध्ययन पर कार्यशाला का आयोजन 20 जनवरी तक होगा। कार्यशाला में देशभर के विभिन्न संस्थानों से प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। प्रतिभागियों को नई तकनीकों की कार्यप्रणाली के साथ अभ्यास सत्र भी रखे गए हैं। इसके लिए विशेषज्ञ बुलाए गए हैं। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय विश्वविद्यालय के भौतिक एवं पदार्थ विज्ञान विभाग में अधिष्ठाता प्रो. बीसी चौहान ने विभाग के बारे में बताया। वहीं दिल्ली से आए प्रो. सुशील औलक ने नए उभरते विश्वविद्यालय में रिसर्च में उच्च गुणवत्ता के प्रयास की सराहना की। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो. डॉ. पीके अहलूवालिया ने नई रिसर्च विधियों को रिसर्च स्कॉलर्स तक पहुंचाने के लिए आयोजकों को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. बीसी चौहान ने कुलपति प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री की शुभकामनाएं आयोजकों और प्रतिभागियों को प्रेषित की।
कार्यशाला के संयोजक डॉ. जगदीश कुमार ने बताया आधुनिक तकनीकी और डिजिटल क्रांति में पदार्थ विज्ञान का अद्वितीय योगदान है। पदार्थ वैज्ञानिकों द्वारा शोध से विभिन्न क्षमताओं वाले नए पदार्थ खोजे जाते हैं जिनको आधुनिक तकनीक के विकास में प्रयोग किया जाता है। इन कार्यशाला में प्रतिभागियों को नए पदार्थों को खोजने के मूलभूत सिद्धांतों के बारे में बताया जाएगा। पहले दिन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की से सेवानिवृत्त प्रो. सुशील औलक ने प्रतिभागियों को पदार्थ विज्ञान में कंप्यूटर तकनीक के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने तकनीकी क्रांति के अनुभव को सांझा किया।
प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से सेवानिवृत्त प्रो. प्रदीप कुमार आहलूवालिया ने पदार्थ विज्ञान में क्वांटम भौतिकी के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके पश्चात डॉ. जगदीश ने क्रिस्टल पदार्थों, केंद्रीय विश्वविद्यालय पंजाब से आमंत्रित डॉ. अशोक ने प्रतिभागियों को अभ्यास सत्र करवाया। इसके उपरांत स्वामी विवेकानन्द राजकीय विद्यायल घुमारवीं से आमंत्रित डॉ. अरुण कुमार ने अभ्यास सत्र कराया।