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नूरपुर में चिराग तले अंधेरा

प्रदीप शर्मा नूरपुर नूरपुर क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि से चिराग तले अंधेरा है। इस बात

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 07:22 PM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2020 05:14 AM (IST)
नूरपुर में चिराग तले अंधेरा
नूरपुर में चिराग तले अंधेरा

प्रदीप शर्मा, नूरपुर

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नूरपुर क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि से चिराग तले अंधेरा है। इस बात की पुष्टि इससे होती है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में तो चिकित्सक तैनात हैं लेकिन सिविल हास्पिटल नूरपुर में विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से क्षेत्रवासियों की परेशानी बढ़ी है।

महिला रोग विशेषज्ञ चिकित्सक व रेडियोलाजिस्ट न होने से सिविल अस्पताल नूरपुर में मातृशक्ति का दर्द बढ़ा है। अस्पताल में गायनी ओपीडी बंद होने से प्रसव के लिए महिलाओं को डाक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल टांडा या फिर पठानकोट के निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। साथ ही नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से भी लोगों को दिक्कतों से दो-चार होना पड़ रहा है।

सिविल अस्पताल नूरपुर में नूरपुर के साथ-साथ इंदौरा, फतेहपुर, जवाली व चंबा जिले के भटियात क्षेत्र के लोग भी उपचार के लिए आते हैं। कोविड 19 से पहले नूरपुर अस्पताल की रोजाना ओपीडी 1000 से 1100 के बीच हुआ करती थी लेकिन वर्तमान में आधे से भी कम हो गई है। अब हालात ऐसे हैं कि लोगों को पूरी तरह से स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। अस्पताल में वर्तमान में 19 चिकित्सक हैं और इनमें 12 डाक्टर सामान्य व सात विशेषज्ञ हैं।

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अस्पताल का ईएनटी विभाग, मेडिसिन विभाग, सर्जरी विभाग, आर्थो विभाग व शिशु रोग विभाग बेहतर ढंग से काम कर रहा है। महिला रोग विशेषज्ञ चकित्सक व रेडियोलाजिस्ट न होने से गायनी ओपीडी प्रभावित हुई है। ईएनटी रोगियों की ओपीडी वर्तमान में 45 से 50 के बीच है।

-डा. दिलवर सिंह, ईएनटी विशेषज्ञ एवं प्रभारी सिविल अस्पताल नूरपुर

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पहले मेडिसिन विभाग की रोजाना ओपीडी 100 से ज्यादा थी, लेकिन कोविड -19 के कारण सिमटकर 70 से 80 के बीच रह गई है।

डा. जितेंद्र महाजन, मेडिसिन स्पेशलिस्ट

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शिशु रोगियों की संख्या कम हुई है। पहले दो-दो महिला रोग विशेषज्ञ थीं। उस समय ओपीडी रोजाना 150 थी, लेकिन वर्तमान में यह सिमटकर 60 से 65 रह गई है।

-डा. आशुतोष जोशी, शिशु रोग विशेषज्ञ सिविल अस्पताल नूरपुर।

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स्वास्थ्य खंड नूरपुर के तहत दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व नौ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इन स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है।

डा. नीरजा गुप्ता, खंड चिकित्सा अधिकारी, नूरपुर

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नूरपुर क्षेत्र में आयुर्वेद विभाग के 28 स्वास्थ्य केंद्र व सुल्याली में आयुर्वेदिक अस्पताल है। सभी आयुर्वेद स्वास्थ्य संस्थानों में लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा दी जा रही है। कोरोना संक्रमण के कारण लोगों का झुकाव आयुर्वेद चिकित्सा की ओर बढ़ा है।

डा. अशोक चंद्र, उपमंडल आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी नूरपुर

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महिला रोग विशेषज्ञ न होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार जल्द से जल्द महिला रोग विशेषज्ञ व रेडियोलाजिस्ट की तैनाती करे।

-रुचि भारद्वाज, नूरपुर। महिलाओं की सुविधा के लिए नूरपुर में मातृ शिशु अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है लेकिन इससे महिला रोग विशेषज्ञ की तैनाती की जानी चाहिए।

-बबली देवी, बरंडा। सरकार व स्वास्थ्य विभाग से आग्रह है कि नूरपुर अस्पताल में जल्द महिला रोग विशेषज्ञ की तैनाती की जाए। महिला रोगियों को असुविधा हो रही है।

-अंजू देवी, चौंकी नूरपुर अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से काफी दिक्कत हो रही है। सरकार अस्पताल में जल्द से जल्द विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनाती करे।

-राशि कौशल, सुल्याली।

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पीएचसी व सीएचसी में हालात सामान्य

स्वास्थ्य खंड नूरपुर के तहत नूरपुर, लदौड़ी, हटली जम्वालां, बरंडा, जसूर, वासा बजीरां, सदवां, टीका नगरोटा व रिन्ना में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। खैरियां में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है। सभी स्वास्थ्य संस्थानों में नियमित चिकित्सक तैनात है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रिन्ना में प्रतिनियुक्ति पर चिकित्सक तैनात हैं। इन स्वास्थ्य संस्थानों में रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

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आयुर्वेद केंद्रों में तैनात हैं चिकित्सक

नूरपुर क्षेत्र में जौंटा, चौंकी, गुरचाल, कोट पलाहड़ी, पंदरेहड़, छतरोली, खन्नी, गनोह, धनेटी, भलाख, अटाहड़ा, कंडवाल व भोल ठाकरां में आयुर्वेद स्वास्थ्य केंद्र व सुल्याली में आयुर्वेदिक अस्पताल है। इन स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सक तैनात हैं।


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