Move to Jagran APP

शिक्षा का असली मंदिर वही, जहां हो पीड़ित मानवता की सेवा : शांता

फोटो टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट के नए स्कूल भवन का उद्घाटन 2011 में झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों के लिए की थी हॉस्टल की स्थापना जागरण संवाददाता धर्मशाला शिक्षा का असली मंदिर वही है जहां पीड़ित मानवता की सेवा होती है। इस तरह के निस्वार्थ सेवा प्रकल्प यदि देशभर में चलाए जाएं तो पीड़ित मानवता की इससे बड़ी सेवा कोई नहीं हो सकती। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार सराह स्थित टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों के लिए स्थापित नए स्कूल भवन के उद्घाटन अवसर पर

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 07:50 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 06:21 AM (IST)
शिक्षा का असली मंदिर वही, जहां हो  
पीड़ित मानवता की सेवा : शांता
शिक्षा का असली मंदिर वही, जहां हो पीड़ित मानवता की सेवा : शांता

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : शिक्षा का असली मंदिर वही है, जहां पीड़ित मानवता की सेवा होती है। यह बात पूर्व सांसद शांता कुमार ने मंगलवार को धर्मशाला के समीप सराह गांव स्थित टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले बच्चों के लिए बनाए गए नए स्कूल भवन के उद्घाटन अवसर पर कही।

loksabha election banner

उन्होंने कहा, भिक्षु जामयांग वास्तव में भगवान बुद्ध और धर्मगुरु दलाईलामा की शिक्षाओं के अनुरूप पीड़ित मानवता की सेवा कर रहे हैं। जामयांग बुद्ध और दलाईलामा की करुणा को साकार रूप दे रहे हैं। बकौल शांता, निर्धन परिवारों के जिन बच्चों को कोई नहीं संभालता था उन्हें इस भिक्षु ने अपना बच्चा मानकर अपनाया और उनकी शिक्षा तथा समग्र विकास का प्रबंध किया। पूर्व सांसद ने कहा,वह स्कूल का उद्घाटन करने नहीं बल्कि मंदिर में ईश्वर का दर्शन करने आए हैं। कहा कि इस भिक्षु ने संन्यास को नई परिभाषा दी है। संन्यास का अर्थ संसार को छोड़कर एकांत में तपस्या करना नहीं बल्कि समाज के बीच में रहकर निस्वार्थ भाव से उन वर्गो का सशक्तीकरण है जिन्हें कोई नहीं पूछता है। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करने वाले बच्चों को 21 हजार रुपये दिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश राज्य विकलांगता बोर्ड के सदस्य एवं उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह 13 साल से टोंगलेन से जुड़े हैं। कहा कि जामयांग ने न सिर्फ झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों की शिक्षा का प्रबंध किया बल्कि उनके स्वास्थ्य और वोकेशनल ट्रेनिग का जिम्मा भी लिया है। इस अवसर पर शांता कुमार ने संस्था को सहयोग करने वाले कुछ लोगों को सम्मानित भी किया। इस दौरान बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से नशे के खिलाफ प्रहार भी किया।

......................

2011 में हॉस्टल से हुई थी शुरुआत

जामयांग ने सराह में 2011 में झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों के लिए हॉस्टल की शुरुआत की थी। अब यहां स्कूल चलाया जा रहा है और इसमें 217 बच्चे आठवीं कक्षा तक निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। स्कूल में अत्याधुनिक विज्ञान प्रयोगशाला भी बनाई गई है। टोंगलेन ट्रस्ट के हॉस्टल का उद्घाटन दलाईलामा और शांता कुमार ने 2011 में किया था। इसमें झुग्गी-झोपड़ियों के 95 बच्चे रहते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.