ऊना के अम्ब में स्थापित होगी चीनी मिल
प्रदेश के किसानों को गन्ने का अच्छा मूल्य मिलेगा। ऊना के अम्ब में सरकार चीनी मिल स्थापित करेगी
प्रदेश के किसानों को गन्ने का अच्छा मूल्य मिलेगा, 42 हजार टन चीनी उत्पादन होगा, सरकार ने कमेटी गठित करने का निर्णय लिया राज्य ब्यूरो, तपोवन (धर्मशाला) : ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने विधानसभा में बताया कि ऊना जिले के अम्ब में चीनी मिल स्थापित होगी। इसके लिए सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। चीनी मिल स्थापित करने के लिए औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। चीनी मिल लगने से प्रदेश के किसानों को गन्ने का उचित मूल्य प्राप्त होगा और हर वर्ष 42 हजार टन चीनी का उत्पादन संभव होगा।
तपोवन में शीतकालीन सत्र के पहले दिन उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर की अनुपस्थिति में भाजपा विधायक रीता धीमान के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सदन को यह जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि इंदौरा विधानसभा के 25 गांवों में गन्ने की पैदावार होती है। करीब 525 हेक्टेयर भूमि पर 3.93 लाख क्विंटल गन्ने का उत्पादन होता है, जो चीनी मिल लगाने के लिए पर्याप्त नहीं है। ऐसे में सरकार का इंदौरा में चीनी मिल लगाने का विचार नहीं है। क्षेत्र के किसान पंजाब के मुकेरियां स्थित चीनी मिल में गन्ना बेचते हैं। किसानों को 25 रुपये प्रति क्विंटल कम कीमत मिलती है। सरकार गन्ने के कम मूल्य के मुद्दे का समाधान करने के लिए कमेटी बनाएगी। यह कमेटी पंजाब में किसी भी नजदीकी चीनी मिल में गन्ने की बेहतर कीमत मिलने की संभावनाएं तलाशेगी। उन्होंने कहा कि ऊना में एथनाल उद्योग की स्थापना को भी मंजूरी मिली है, जहां गन्ने की खपत होगी।
इससे पहले ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से भाजपा विधायक रीता धीमान ने इंदौरा में चीनी मिल स्थापित करने का मामला सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि 2002 में हिमाचल और पंजाब के मध्य हुए समझौते के तहत इंदौरा के किसान मुकेरियां की मिल में गन्ना बेचते हैं। मिल मालिक पंजाब के किसानों से 360 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना खरीदते हैं, जबकि हिमाचल के किसानों को प्रति क्विंटल 325 रुपये ही मिलते हैं। प्रदेश के किसानों को गन्ने का भुगतान दो साल बाद किया जा रहा है। इस समस्याओं को देख उन्होंने इंदौरा में चीनी मिल की स्थापना की मांग की।