बीच सड़क भिड़े दो सांड, मची अफरी तफरी
कांगड़ा की जयंती विहार कॉलोनी में सुबह सड़क पर घूम रहे बेसहारा पशुओं में दो खतरनाक सांडों की भिड़ंत ने वाहनों की रफ्तार रोकी तो लोगों के बीच अफरा तफरी का माहौल भी बनाया। सांडों की इस भिड़ंत में कोई भी वाहन चालक गाड़ी आगे ले जाने में डरता नजर आया। आलम यह बना कि इन सांडों की भिड़ंत से वहां खड़ी कु
संवाद सूत्र, कांगड़ा : जयंती विहार कालोनी में शुक्रवार सुबह सड़क पर घूम रहे बेसहारा पशुओं के बीच दो सांड आपस में भिड़ गए। अचानक बीच बाजार हुई इस भिडं़त के चलते लोगों में अफरा तफरी मच गई। इतना ही नहीं कुछ समय के लिए वाहनों की रफ्तार भी थम सी गई। दो सांडों के बीच हो रही लड़ाई के चलते कोई भी वाहन चालक गाड़ी आगे ले जाने में डर रहा था। हालांकि सड़क के किनारे खड़ी कुछ गाड़ियों को नुकसान पहुंचा तो वहीं एक स्कूटी सवार भी इनकी चपेट में आ गया। सड़क के 50 मीटर क्षेत्र में सांड एक दूसरे को मारने व खदेड़ने की वजह से इतने उग्र थे कि लोगों को वहां से भागकर अपनी जान बचाना पड़ी, जिससे क्षेत्र में काफी देर भय का माहौल बना रहा। इसके बाद स्थानीय लोगों द्वारा इन्हें वहां से भगाया गया तब तक जाकर स्थिति कुछ शांत हुई। गौर रहे कि कांगड़ा में बेसहारा पशुओं के आतंक का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी बाजारों में घूम रहे यह सांड कुछ लोगों को जख्म दे चुके हैं। हालांकि कांगड़ा में गोसदन की भी व्यवस्था है, लेकिन अभी भी आवारा पशुओं का सड़कों पर फैला आतंक रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पशुपालन विभाग को करें सूचित
डर की वजह से बेसहारा पशुओं को तंग नहीं किया जाना चाहिए। मार खाकर पशु बौखलाहट में हिंसक हो जाते हैं। बेसहारा पशुओं को नियंत्रण करने की योजना पर कार्य चल रहा है। अगर किसी पशु के मुंह से लार टपक रही हो और वह हिसक गतिविधियां करने के साथ अजीब बर्ताव कर रहा हो तो तुरंत पशु पालन विभाग को सूचित करें, ताकि जरूरी कार्रवाई अमल में लाई जा सके।
डॉ. नवनीत शर्मा पशु चिकित्सा अधिकारी एक सप्ताह में होगा समस्या का हल
शहर में यह एक गंभीर समस्या है। एक सप्ताह के भीतर इसका हल किया जाएगा। कांगड़ा गोसदन सहित अन्य गोसदनों में बेसहारा पशुओं को भेजने की व्यवस्था की जाएगी।
जतिन लाल, एसडीएम कांगड़ा पशुओं को बेसहारा छोड़ने पर हो सकती है तीन माह कैद
कांगड़ा : भारतीय कानून में पशुओं की हिफाजत के लिए कम से कम 15 कानून बने हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 428 और 429 के अनुसार किसी भी पशु को मारना अथवा अपंग करना भले ही वह आवारा क्यों ना हो दंडनीय अपराध है। पशुओं को असुविधा में रखकर, दर्द पहुंचा कर या परेशान करते हुए किसी भी गाड़ी में एक जगह से दूसरी जगह ले जाना मोटर व्हीकल एक्ट तथा प्रिवेंशन ऑफ क्रुएलिटी ऑन एनिमल्स एक्ट 1960 के अनुसार दंडनीय अपराध है। किसी पशु को आवारा छोड़ने पर तीन महीने की सजा हो सकती है।