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होली-उत्तराला सड़क व जनजातीय समुदाय के लिए मोदी से मांगा विशेष बजट

PM Narendra Modi. कांगड़ा व चंबा को आपस में जोड़ने वाली होली उत्तराला सड़क निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करवाने की मांग पीएम नरेंद्र मोदी से की गई।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 21 Dec 2018 04:28 PM (IST)Updated: Fri, 21 Dec 2018 04:28 PM (IST)
होली-उत्तराला सड़क व जनजातीय समुदाय के लिए मोदी से मांगा विशेष बजट
होली-उत्तराला सड़क व जनजातीय समुदाय के लिए मोदी से मांगा विशेष बजट

जागरण संवाददाता, धर्मशाला। गैर जनजातीय क्षेत्र में रहने वाले जनजातियों के समुचित विकास व जिला कांगड़ा व चंबा को आपस में जोड़ने वाली होली उत्तराला सड़क निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करवाने की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की गई है। अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष त्रिलोक कपूर इन दो प्रमुख मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद मोदी से भेंट की।

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त्रिलोक कपूर ने प्रधानमंत्री को इस बात से अवगत करवाया कि होली उत्तराला मार्ग प्रदेश के जिला चंबा व कांगड़ा को आपस में जोड़ेगा। वहीं, यह सड़क यहां के रहने वाले अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए जहां महत्वपूर्ण है तो इस घाटी में पयर्टन की भी आपार संभावनाओं को पूरा करने के लिए यह विकास की कड़ी साबित होगी। उन्होंने बताया कि इस मार्ग पर यहां के लोगों का एक घुमंतू जनजीवन के रूप में आवागमन रहता है, लेकिन सड़क आभाव में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अगर यह सड़क बनकर तैयार होती है तो जिला कांगड़ा के बैजनाथ से जिला चंबा के भरमौर की दूरी जो अभी तक 314 किलोमीटर है, वह कम होकर मात्र 114 किलोमीटर रह जाएगी।

त्रिलोक कपूर ने बताया कि अभी तक 55 किलोमीटर सड़क दोनों ओर से बन चुकी है, लेकिन जब-जब कांग्रेस का शासन आता है इस सड़क का निर्माण कार्य ठप हो जाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि सड़क के दोनों छोर से 18-18 किलोमीटर लंबी सुरंग भी बननी है, जिसका 600 करोड़ रुपये का अनुमानित बजट है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वह सड़क के निर्माण वन विभाग की अनुमति, शेष सड़क के निर्माण के लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान व केंद्र एक विशेष टीम भेजें, ताकि इस सड़क का कार्य शीघ्र पूरा हो सके। प्रधानमंत्री से मिले त्रिलोक कपूर ने अनुसूचित जाति के लोगों के दुख-दर्द को भी उनके साथ सांझा किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जनजातीय लोगों को आरक्षण का लाभ तो प्राप्त हो रहा है, लेकिन उनके जीवन के पहलुओं के विकास की दृष्टि से जो बजट व धन का प्रावधान होना चाहिए था, उस दिशा में अभी तक कोई काम नहीं हुआ है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से अधिक जनसंख्या में अनुसूचित जाति के लोग गैर जनजातिय क्षेत्रों में रहते हैं। प्रदेश सरकार अपने कुल बजट का नौ प्रतिशत जनजातीय क्षेत्रों में खर्च करती है, लेकिन गैर जनजातीय क्षेत्र में रहने वाले इस समुदाय के लोगों के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने इन दोनों ही मुद्दों पर प्रधानमंत्री से मुलाकात कर इन्हें शीघ्र हल करने का आग्रह उनसे किया, ताकि अनुसूचित जनजाति के लोगों को उनके अधिकार की दृष्टि से लाभ मिले और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उनका यह सपना भी साकार हो सके।


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