सपड़ी में लापरवाही ने डस लिया मासूम
सर्पदंश को लेकर लेकर कई प्रयास किए जा रहे हैं और लोगों को नियमित जागरुक भी किया जा रहा है लेकिन कुछ लोगों की मानसिकता आज दिन तक नहीं बदली है। चाहे अपने जिगर के टुकड़े की जान जाती है तो जाए अस्पताल नहीं जाएंगे झाड़फूंक और टोटकों में भी फंसे रहेंगे।
करुणेश शर्मा, ज्वालामुखी
सर्पदंश से बचाव के लिए बेशक जागरूक किया जा रहा है लेकिन कुछ लोगों की मानसिकता आज दिन तक नहीं बदली है। चाहे जिगर के टुकड़े की जान चली जाए तो जाती रहे, अस्पताल नहीं जाएंगे और झाड़फूंक व टोटकों में फंसे रहेंगे। ठीक ऐसा ही हुआ है उपमंडल ज्वालामुखी के सपड़ी गांव में। क्षेत्र के चार साल के मासूम को वीरवार को सांप ने डस लिया था। स्वजन उसे अस्पताल ले जाने की बजाए गांव में झाड़फूंक करवाते रहे और टोटके अपनाते रहे। बात जब हद से बाहर हो गई तो बच्चा अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
सपड़ी का चार वर्षीय बालक समीर वीरवार सायं बहनों के साथ बावड़ी से पानी लेने गया था। लौटते समय रास्ते में उसे सांप ने डस लिया। इस बाबत सूचना मिलते ही स्वजन मासूम को गांव में एक व्यक्ति के पास ले गए और उसने जहर निकाला। हैरानी की बात यह रही कि परिवार के सदस्यों ने बच्चे को डॉक्टर को दिखाना जरूरी नहीं समझा। शुक्रवार को जब तबीयत ज्यादा खराब हुई तो बच्चे को सिविल अस्पताल ज्वालामुखी पहुंचाया और यहां से उसे टांडा अस्पताल रेफर कर दिया। टांडा में पहुंचते ही बच्चे ने दम तोड़ दिया।
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झाड़फूंक से इलाज संभव नहीं
अंधविश्वास से हमेशा दूर रहना चाहिए। सर्पदंश के बाद तुरंत अस्पताल जाना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज की व्यवस्था की है। झाड़-फूंक से इलाज संभव नहीं है।
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बोरिक एसिड का करें छिड़काव
लोग बोरिक एसिड का छिड़काव घर के बाहर चारों ओर कर सकते हैं। एसिड की गंध से सांप घर के अंदर नहीं घुसता है। बोरिक एसिड हर मेडिकल स्टोर में उपलब्ध नहीं होता है, लेकिन सरकार की ओर से अधिकृत दवा विक्रेता के पास यह मिल जाता है। इसे खरीदने के लिए अपनी जानकारी देनी अनिवार्य है।
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पांच साल में संपदर्श से मौत
वर्ष मौत
2015 2
2016 16
2017 11
2018 17
2019 शून्य
2020 अब तक एक मौत
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मंडल स्तर पर दो-दो वनरक्षकों को सांप पकड़ने का प्रशिक्षण दिया है। अगर किसी के घर में सांप घुसता है तो उसे पकड़ने के लिए वन्य प्राणी विभाग कार्यालय धर्मशाला, वन्य प्राणी विभाग व उपमंडल स्तर के वन मंडल कार्यालयों में संपर्क कर सकते हैं।
-प्रदीप ठाकुर, मुख्य अरण्यपाल, वन्य प्राणी विभाग उत्तरी क्षेत्र
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सांप के डसने पर पीड़ित को तुरंत अस्पताल लाएं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी सांप का जहर उतारने वाली दवाएं उपलब्ध हैं। समय रहते यदि पीड़ित को अस्पताल पहुंचाया जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है। विभाग समय-समय पर कार्यक्रमों से लोगों को जागरूक करता है।
-डॉ. गुरदर्शन गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा