एकजुटता के दावे गुटबाजी के आगे धड़ाम
लोकसभा चुनावों से पूर्व पार्टी को बूथ स्तर तक मजबूत करने को लेकर भले ही बड़ी जिम्मेवारियों के बीच बड़े ओहदे व पदाधिकारियों की नियुक्तियों का दौर प्रदेश भर में शुरू है। लेकिन इन सभी के बीच आपसी गुटबाजी के साथ वरिष्ठ के नेताओं का आपसी मनमुटाव उनके चहेतों के बीच भी जारी है। कांग्रेस के पार्टी अध्यक्ष के बदलाव के बाद से शुरू हुआ आपसी गुटबाजी का दौर अब युवा कांग्रेस के नेताओं में भी सामने देखने को आ रहा है। गुटबाजी का कारण सीधा सा है कि जिस नेता ने ओहदा
दिनेश कटोच, धर्मशाला
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को बूथ स्तर पर मजबूत करने के लिए भले ही पदाधिकारियों की नियुक्तियों का दौर प्रदेशभर में जारी है लेकिन गुटबाजी के साथ वरिष्ठ नेताओं का मनमुटाव उनके चहेतों के बीच भी जारी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने के बाद शुरू हुआ गुटबाजी का दौर अब युवा कांग्रेस के नेताओं में भी देखने को मिल रहा है। कारण साफ है कि जिस नेता ने कुर्सी दिलवाई है स्तुतिगान भी उसका ही होगा। भले ही एकजुटता के साथ लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलवाने के लिए कमर कसे युवा कांग्रेस के पदाधिकारी मैदान में आ चुके हैं, लेकिन इनके बीच भी गुटबाजी कहीं न कहीं अब भी है। भले ही यह सामने न हो लेकिन अंदरखाते अनदेखी की खुन्नस तो उनके दिलों में है। युवा कांग्रेस की गुटबाजी का प्रत्यक्ष उदाहरण भी कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के कार्यकारी अध्यक्ष विजेंद्रकर्ण के स्वागत व पत्रकार सम्मेलन में सामने देखने को मिला। कचहरी अड्डा धर्मशाला में हुए उनके स्वागत में केवल एक ही गुट के पदाधिकारी रहे तो पत्रकार सम्मेलन में भी यही हाल रहा। यहां तक कि नियुक्ति के लिए विजेंद्रकर्ण ने युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व का आभार जताते हुए प्रदेश स्तर के नेताओं में केवल पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली व उनके पुत्र रघुवीर ¨सह बाली का ही धन्यवाद किया। लेकिन जिस विधानसभा क्षेत्र से उन्होंने नई पारी का आगाज किया, उस हलके से पूर्व विधायक सुधीर शर्मा का उन्होंने नाम तक नहीं लिया। हालांकि उन्होंने कांग्रेस के सभी नेताओं को सम्मानीय बताया। युवा कांग्रेस नेता रजनीश पाधा ने तो साफ तौर पर कह दिया कि विधानसभा चुनाव में पार्टी नहीं बल्कि संस्था यहां से कांग्रेस का चुनाव लड़ी थी और यही कारण रहा कि पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था। उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया है, लेकिन आजतक पार्टी की ओर से कोई पत्र नहीं मिला है। युवा कांग्रेस के इस कार्यक्रम में बाली गुट के समर्थक ही ज्यादा रहे और जबकि सुधीर के समर्थकों ने इससे दूरी ही बनाए रखी। फिलहाल सभी ने एकजुटता के दावे के साथ कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी की जीत के लिए मुहिम तो शुरू की है लेकिन अगर इनके बीच आपसी गुटबाजी का यही दौर आगे भी रहा तो इसके क्या परिणाम होंगे यह तो वक्त ही बताएगा। युवा कांग्रेस के लिए सभी वरिष्ठ कांग्रेस नेता सम्मानीय हैं। युवा कांग्रेस में किसी तरह की गुटबाजी नहीं है। सभी एकजुट होकर पार्टी प्रत्याशी की जीत के लिए काम करेंगे। जिसे पार्टी हाईकमान कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी बनाएगा उसे सभी विधानसभा क्षेत्रों से लीड दिलाकर विजयी बनाया जाएगा।
-विजेंद्रकर्ण, युकां संसदीय कार्यकारी अध्यक्ष