फूल ही फूल.. हाथ को धूल
लोकसभा के इन चुनावों के परिणामों में कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के हर विधानसभा क्षेत्र में फूल ही फूल नजर आया। लीड के रिकार्ड टूटे तो कांग्रेस पूरी तरह से औंधे मुंह भी रही। मतगणना के पहले चरण से ही संसदीय क्षेत्र में फूल के खिलने का सिलसिला चला तो मतगणना के अंतिम चरण तक हर ईवीएम से फूल की ही महक भी आती रही जो कि पूरे संसदीय क्षेत्र को सुगंधित करती हुई पूरी तरह से अपने रंग में रंग गई। जातिवाद को पीछे छोड़ संसदीय क्षेत्र के लोगों के बीच केवल मोदी का नारा रहा जिसका परिणाम भाजपा
दिनेश कटोच, धर्मशाला
कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के तहत हर विधानसभा क्षेत्र में फूल ही फूल नजर आया है। लीड के रिकॉर्ड टूटे हैं और कांग्रेस औंधे मुंह गिरी है। मतगणना के पहले चरण से ही कमल खिलने का सिलसिला शुरू हुआ और अंतिम चरण तक ईवीएम से फूल की महक आती रही। जातिवाद को पीछे छोड़कर संसदीय क्षेत्र के लोगों के बीच केवल मोदी का नारा रहा और इसका परिणाम भाजपा को मिली बड़ी जीत से सामने आया है।
कांग्रेस ने इस बार पवन काजल के रूप में ओबीसी चेहरा चुनाव में उतारा था और भाजपा ने अनुसूचित जनजाति से किशन कपूर पर दांव खेला था। संसदीय क्षेत्र में इस बार जातीय कार्ड का फैक्टर कोई ज्यादा नहीं चला और मोदी की सुनामी में कांग्रेस बह गई। संसदीय क्षेत्र में करीब दस लाख मतदाताओं ने मतदान किया था और इसमें आधी आबादी की भागीदारी पुरुषों से अधिक थी। संसदीय चुनाव की घोषणा से पहले राहुल गांधी की शाहपुर के चंबी मैदान में रैली थी और उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कांगड़ा संसदीय क्षेत्र की कमान संभाली थी लेकिन कोई जलवा नहीं दिखा। संसदीय क्षेत्र के तहत नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में कुलालन व समलेट ऐसे दो बूथ भर रहे, जहां कांग्रेस को एक भी वोट नहीं पड़ा। इसके अलावा शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा को सबसे ज्यादा लीड मिली है, जबकि नूरपुर लीड दिलाने के मामले में दूसरे नंबर पर रहा है। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस दिग्गजों के विधानसभा क्षेत्रों से तो भाजपा आगे रही, वहीं कांग्रेस प्रत्याशी पवन काजल के गृह हलके में भी भाजपा आगे रही है।
कपूर ने तोड़े जीत के रिकॉर्ड
धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक बने किशन कपूर तीन दफा प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे चुके हैं। उन्हें इस दफा लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उतारा तो उन्होंने अपने गुरु शांता कुमार की जीत का रिकार्ड भी कई गुणा ज्यादा मत लेकर तोड़ा। चुनावी दौर में शांता कुमार जनता से उनके रिकॉर्ड को तोड़ने की अपील करते रहे। शांता कुमार ने कपूर की जीत की लीड का आंकड़ा दो लाख रखा था, लेकिन उनके चेले कपूर ने कांगड़ा संसदीय क्षेत्र तो क्या प्रदेश में तीन अन्य भाजपा प्रत्याशियों से भी ज्यादा लीड लेकर प्रदेश में नया रिकॉर्ड बनाया है। वर्ष 2014 के चुनाव में शांता कुमार 170072 मतों से जीते थे, और उस समय उनकी लीड कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से सबसे ज्यादा थी। इस बार किशन कपूर ने 477623 वोट लेकर प्रदेशभर में रिकॉर्ड बनाया है।