Chambiali Dham Packing : अब चंबियाली धाम की भी हो सकेगी पैकिंग, चंबा में लगेगी फूड प्रोसेसिंग यूनिट
चंबियाली धाम को पैकेट बंद लिफाफे में उपलब्ध करवाने को लेकर जिला प्रशासन ने पहल की है। पैकेट की बिक्री के शुरू होने से इस क्षेत्र में महारत हासिल लोगों व युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा। लोग भी पैकेट बंद लिफाफे में धाम पैक करवाकर परिवार के साथ परोस सकेंगे।
चंबा, संवाद सहयोगी। चंबियाली धाम को पैकेट बंद लिफाफे में उपलब्ध करवाने को लेकर जिला प्रशासन ने पहल की है। पैकेट की बिक्री के शुरू होने से इस क्षेत्र में महारत हासिल लोगों व युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा। साथ ही लोग भी पैकेट बंद लिफाफे में धाम पैक करवाकर परिवार, सगे संबंधियों सहित मित्रों के बीच एक साथ परोस सकेंगे। इसके लिए जिले में एक फूड प्रोसेङ्क्षसग इकाई स्थापित जाएंगी।
जिला मुख्यालय चंबा आयोजित बैठक के दौरान उपायुक्त डीसी राणा ने यह जानकारी दी। उन्होंने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र से इकाई स्थापित करने को लेकर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दे भी दिए, ताकि जल्द धाम की पैक्ड बिक्री शुरू हो सके। इसके अलावा जिले में पाए जाने वाले शहद, बकवीट (फुल्लण) और काला जीरा से अखरोट व थांगी से संबंधित उत्पादों को भी बाजार में उतारा जाएगा। उपायुक्त ने संबंधित विभाग से इन फसलों की व्यवसायिक खेती के लिए भी गतिविधियों को शुरू करने के निर्देश दिए।
फूल की खेती को मिलेगा बढ़ावा
किसानों व बागवानों की आर्थिकी को मजबूत बनाने के लिए भी सरकार व प्रशासन की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं। जिले में पुष्प व हींग की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। जिला में लगभग 136 हेक्टेयर क्षेत्रफल को फूलों की खेती के तहत लाया गया है। इसके तहत 400 क्विंटल के करीब जंगली गेंदा के फूलों का बीज किसानों व बागवानों को उपलब्ध करवाया गया है। विज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (आइएचबीटी) के हिमालयन जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर के सहयोग से कार्यान्वित की जा रही विभिन्न स्थाई आजीविका गतिविधियों के तहत उपायुक्त डीसी राणा ने संस्थान के निदेशक डा. संजय कुमार के साथ वीडियो कांफ्रेंस करने के पश्चात आयोजित बैठक के दौरान उपायुक्त ने उपरोक्त बात कही। इस दौरान उन्होंने हींग और पुष्प उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए संबंधित विभाग को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश जारी किए हैैं। उपायुक्त ने जिला के विभिन्न स्थानों में गेंदा फूलों के डिस्टलेशन के लिए स्थापित किए गए 13 विभिन्न यूनिट को उपनिदेशक एवं परियोजना अधिकारी ग्रामीण विकास अभिकरण से निरीक्षण करने के लिए कहा, ताकि किसानों को किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़े।
केसर व हींग की खेती से जुड़ेंगे किसान
जिला में केसर की खेती से किसानों और बागवानों को जोडऩे के लिए भरमौर, तीसा और सलूणी में आठ क्विंटल 40 किलोग्राम बीज उपलब्ध करवाया गया है। इसके अलावा होली क्षेत्र में 500 के करीब हींग के पौधे भी किसानों को उपलब्ध करवाए गए हैं। जनजातीय क्षेत्र पांगी में हींग की खेती को लेकर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा के दौरान विभागीय अधिकारी ने बैठक में अवगत किया कि हिमालयन जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान से प्राप्त एक हजार हींग के पौधे जल्द पांगी घाटी भेजे जा रहे हैं।
लेवेंडर की खेती के लिए किसानों का चयन
उपमंडल चुराह में लेवेंडर की खेती के लिए किसानों का चयन पूरा किया जा चुका है। वर्तमान सीजन के दौरान दस हजार पौधे उपलब्ध करवाने के लिए हिमालयन जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान को मांग भेजी जा रही है। पांगी घाटी के तहत काला जीरा और हेजल नेट की खेती की संभावनाओं के मद्देनजर संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई के निर्देश भी दिए। साथ ही जिला में वन- धन योजना के तहत व्यवसायिक खेती की संभावनाओं पर वन, कृषि और बागवानी विभाग को हिमालयन जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान से तकनीकी जानकारी से संबंधित महत्वपूर्ण पहलुओं पर कार्य के निर्देश दिए।
बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में उप निदेशक एवं परियोजना अधिकारी ग्रामीण विकास अभिकरण चंद्रवीर ङ्क्षसह,उपनिदेशक पशुपालन डा. राजेश ङ्क्षसह, उपनिदेशक कृषि विभाग कुलदीप धीमान महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र चंद्रभूषण, खंड विकास अधिकारी भटियात बशीर खान, विषय वस्तु विशेषज्ञ उद्यान अलक्ष पठानिया मौजूद रहे।